मरा समझ कर युवती को नदी के किनारे फेंका, सामने आया चौकान्ने वाला सच




UP News : बलरामपुर पुलिस ने थाना गौरा चौराहा क्षेत्र के ग्राम महरी में राप्ती नदी के किनारे अचेतावस्था में मिली महिला को बचा लिया। वहीं, एसपी के नेतृत्व में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में जो तथ्य सामने आये, वह काफी चौकान्ने वाले है।
एसपी विकास कुमार ने बताया कि शनिवार की सुबह सूचना मिली थी कि गौरा थाना क्षेत्र में एक महिला बेहोश हालत में पड़ी है। पुलिस ने उसे तत्काल उसे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर किया गया था। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो युवती की शिनाख्त जनपद सिद्धार्थनगर निवासी के रूप में हुई।
सर्विलांस टीम व मुखबीर से पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिली। वहीं सीसीटीवी कैमरों से आवश्यक फुटेज पुलिस को मिले। एसपी ने बताया कि अभियुक्त धर्मेंद्र सोनी उर्फ आकाश तथा अजय उर्फ गौरी शंकर को मेहदावल रोड स्थित राम जानकी मंदिर के पास बांसी चौराहे से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों की गिरफ्तारी में स्वाट टीम का विशेष योगदान रहा।
एसपी ने बताया कि जुर्म कबूल करने के बाद अभियुक्तों की निशानदेही के बाद घटना को अंजाम देने वाले सामान को बरामद करने के लिए पुलिस भोजपुर महरी पहुंची, जहां अभियुक्तों को गाड़ी से नीचे उतारकर सामान को छिपाए गए स्थान पर ले चलने की बात कही। अभियुक्त आगे चलते हुए अंधेरे का फायदा उठाकर भागने लगे। पुलिस टीम ने आवश्यक बल का प्रयोग करते हुए अभियुक्तों को पकड़ लिया।
अभियुक्त गौरी शंकर ने बताया कि चार वर्ष से वह महिला को जानता था। उसने बताया कि मैने उसके खाते में आठ लाख रुपए देखे थे। उससे बार बार फोन पे का पासवर्ड पूछने पर वह नहीं दे रही थी। अजय ने पुलिस को बताया कि वह महिला उसे अनावश्यक रूप से ब्लैकमेल भी किया करती थी। वह उसकी हत्या का प्लान तीन महीने से बना रहा था। लेकिन अकेले इस घटना को अंजाम नहीं दे सका। जिसके बाद उसने अपने मित्र धर्मेंद्र सोनी का सहयोग लेकर उसकी हत्या का षड्यंत्र रचा।
पीड़िता को जमीन दिखाने के बहाने बुलाया था। खूटेहना के पास से उसे लेकर 28 मार्च को निकले। रात नौ बजे हम लोग उसे सुनसान स्थान पर ले गए और मोबाइल व फोनपे का पासवर्ड मांगने लगे, जिसे देने से महिला ने इनकार कर दिया। इसके बाद महिला पर हथौड़े, प्लास व मुक्कों से प्रहार किया। सर पर हथौड़ा मारने से वह बेहोश होकर गिर गई, फिर बांध कर उसे गाड़ी की डिग्गी में डाल दिया।
एसपी ने बताया कि अभियुक्तों ने पीड़िता को डिग्गी में डालने के बाद सीतलगंज बांसी अजय के रूम पर गए, जहां से आकाश अपने घर चला गया। लेकिन अजय पूरी रात गाड़ी में बैठा रहा। 29 मार्च की सुबह लगभग चार बजे दोनों अभियुक्त महिला को मरा समझ कर उसे बांसी से बलरामपुर जिले में ले आए, जहां गौरा क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे उसे फेंक दिया। अभियुक्तों की बर्बरता यहीं खत्म नहीं हुई। हथौड़े व प्लास से मारने के बाद उन्होंने महिला की पहचान छिपाने के लिए फोन बनाने में प्रयोग किए जाने वाले केमिकल का प्रयोग उसके चेहरे व शरीर पर किया और मौके से फरार हो गए।

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