तो क्या 2008 के मिथक को तोड़ पाएंगे मस्त?..

तो क्या 2008 के मिथक को तोड़ पाएंगे मस्त?..



बलिया। इस बार बलिया संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर भदोही के निवर्तमान सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त अपनी किस्मत आजमायेंगे। इसके पूर्व वर्ष 2008 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के निधन के बाद हुए उपचुनाव में  बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनाव लड़ा था, तब चंद्रशेखर के पुत्र सपा प्रत्याशी नीरज शेखर ने श्री मस्त को शिकस्त दी थी। इस बार श्री मस्त के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वर्ष 2008 में  बने मिथक को तोड़ना और पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बलिया लोकसभा सीट पर भगवा लहराना।
गौरतलब है कि बलिया जनपद के विकास खंड मुरलीछपरा अंतर्गत दोकटी गाँव श्री मस्त स्वदेशी जागरण मंच समेत भारतीय जनता पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष का  दायित्व भी पूर्व में संभाल चुके हैं और वर्तमान में भदोही से भाजपा के सांसद है। वीरेंद्र सिंह मस्त को बलिया लोकसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट मिलने की खबर जैसे ही कार्यकर्ताओं को मिली, वैसे ही लोग खुशी से झूम उठे।


उल्लेखनीय है कि श्री मस्त मिर्जापुर- भदोही संसदीय क्षेत्र से दो बार तथा परिसीमन के बाद भदोही संसदीय क्षेत्र से 2014 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से विजयी हुए थे। इस बार वे अपने गृह जनपद के संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में एक बार फिर भाग्य आजमाएंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं का दावा है कि इस बार श्री मस्त भारी मतों से विजयी होंगे। वहीं टिकट पाने की जुगाड़ में आस लगाए सांसद भरत सिंह का टिकट कट जाने पर उनके समर्थकों में मायूसी छा गई। जबकि  सलेमपुर संसदीय सीट से  वर्तमान सांसद रविंद्र कुशवाहा  को पार्टी हाईकमान ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है जिससे उनके समर्थकों में तो  जोश भर गया है लेकिन मंगलवार को दोपहर तक सांसद भरत सिंह के आवास विकास कालोनी स्थित आवास पर जहां समर्थकों की भारी भीड़ बनी रहती थी और उनका दावा था कि एक बार फिर उन्हें भाजपा का टिकट दिया जाएगा, लेकिन दोपहर बाद जैसे ही भाजपा की सूची जारी हुई और उसमें भरत सिंह के स्थान पर  श्री मस्त का नाम सामने आ जाने पर कार्यकर्ताओं में न केवल मायूसी छा गई, बल्कि वे उनके आवास से खिसकने लगे।

By-Ajit Ojha

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