अधिशासी अभियन्ता हत्याकाण्ड : CBI जांच की मांग को लेकर बलिया में निकाला न्याय मार्च, सरकार की चुप्पी पर सवाल
बलिया : सुल्तानपुर में तैनात बलिया जनपद के रतसरकलां निवासी जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियन्ता (AE) संतोष कुमार गोंड की हत्या की उच्च स्तरीय जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने, हत्यारों को फांसी की सजा देने, पीड़ित परिवार को 5 करोड़ का मुआवजा देने व किसी सदस्य को ग्रेड-2 सरकारी नौकरी देने तथा परिवार की सुरक्षा की गारंटी देने की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तत्वावधान में बलिया रेलवे स्टेशन से जिलाधिकारी कार्यालय तक मंगलवार को न्याय मार्च निकालकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रवीन कुमार लक्षकार को सौंपा।
मृतक अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड के छोटे भाई संजय गोंड, निर्लेश कुमार गोंड व रवि कुमार गोंड ने संयुक्त रूप से कहा कि 15 अगस्त की सायं बड़े भाई अधिशासी अभियंता संतोष कुमार गोंड से हमारी बात फोन पर हुई थी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में निजी कम्पनियां बिना सही काम कराये ही भुगतान का दबाव बना रही है, जिसमें संविदा सहायक अभियन्ता अमित कुमार भी संलिप्त है। जल जीवन मिशन में मानक के अनुसार सही काम न करने वाली इन निजी कम्पनियों को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए 250 पेज का चार्जशीट तैयार किया जा रहा है।
बताया कि मुख्य अभियुक्त संविदा सहायक अभियन्ता अमित कुमार के अपराधिक व्यवहार के खिलाफ व इसे हटाने के लिए अधिशासी निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन उत्तर प्रदेश, लखनऊ को भी गोपनीय पत्र लिखे थे, लेकिन न तो संज्ञान लिया गया न ही समय रहते कोई कार्यवाही की गयी। ऐसी स्थिति में उच्च न्यायालय की निगरानी में उच्चस्तरीय जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए, तभी इस हत्याकाण्ड में संलिप्त सभी लोगों का पर्दाफास होगा।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरविन्द गोंडवाना ने कहा कि आदिवासी जनजाति समुदाय के एक गरीब परिवार से अपनी शिक्षा के बल पर अधिशासी अभियन्ता के पद तक पहुॅचने वाले संतोष कुमार गोंड की निर्मम हत्या हो जाती है। लेकिन पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री या प्रदेश सरकार का कोई जिम्मेदार मंत्री अब तक कुछ नहीं बोले। कहा कि सरकार की महत्वकांक्षी स्वच्छ पेय जल योजना भ्रष्टाचार लूट घोटाले की भेंट चढ़ गयी है।
गांव-गांव में स्वच्छ जल के लिए जो पानी की टंकी बनी है, वो मात्र शो-पीस बनकर रह गयी है। निजी कम्पनियों द्वारा वाटर सप्लाई पाईप में बड़े पैमाने पर घोटाला, भ्रष्टाचार किया गया है। मानक के विपरीत घटिया पाईप लगाया गया है। अधिकांश गांव में कही भी पानी नहीं आता है। अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड एक नेक और ईमानदार अधिकारी थे जो मानक के अनुसार ही सही कार्य कराना चाहते थे, जो निजी कम्पनियों के साजिश के शिकार हो गये। वे जल जीवन मिशन के शहीद बन गये है। इस प्रकरण पर भाजपा की केन्द्र व प्रदेश सरकार की चुप्पी हर घर नल और हर नल में जल योजना पर सवाल खड़ा करती है।
कहा कि अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर आन्दोलन सुल्तानपुर से लगायत लखनऊ व नई दिल्ली तक जारी रहेगा। न्याय मार्च आन्दोलन में प्रमुख रूप से मृतक अधिशासी अभियन्ता संतोष कुमार गोंड के तीनों छोटे भाई संजय गोंड, निर्लेश कुमार गोंड, रवि गोंड के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारी मनोज शाह, जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड, प्रदेश महासचिव परशुराम खरवार, सुरेश शाह, का. रामानन्द गोंड, विशाल गोंड, अभिषेक गोंड, शिवशंकर खरवार, सोनू गोंड, कन्हैया गोंड, रोहित कुमार, छोटू पाल, विष्णु ओझा, अक्षयलाल, अखिलेश गोंड, अनिल गोंड, मनीष गोंड, गोपाल, राजेन्द्र गोंड, गुड्डू गोंड, सूचित गोंड, ओमप्रकाश गोंड रहे।
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