चंद्रयान-3 के साइंटिस्ट मनोज तिवारी का अपने गांव में स्वागत, प्राथमिक विद्यालय के बच्चों संग शेयर की पुरानी यादें
UP News : सुलतानपुर जनपद अंतर्गत अखंडनगर विकास खण्ड के ऊनुरखा गांव निवासी इसरो वैज्ञानिक मनोज कुमार तिवारी मंगलवार को अपने गांव ऊनुरखा पहुंचे। चंद्रयान-3 मिशन सफल होने के बाद पहली बार गांव आए इसरो वैज्ञानिक का ग्रामीणों एवं शुभचिंतकों ने स्वागत किया। ऊनुरखा गांव निवासी किसान राजदेव तिवारी के पुत्र मनोज तिवारी ने मिशन चंद्रयान 3 में इमेजिंग लैंडिंग कैमरा बनाने वाली टीम का नेतृत्व किया था।
गांव पहुंचने के बाद मनोज तिवारी उस प्राथमिक विद्यालय में भी पहुंचे, जहां से उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा ली थी। विद्यालय के बच्चों से वे मुखातिब हुए। अपनी पुरानी यादें बच्चों संग शेयर की।शिक्षकों ने उनका सम्मान किया। वैज्ञानिक मनोज तिवारी ने कहा कि मुझे खुशी है, 'मैं जिस विद्यालय में पढ़ा, वह इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल बन गया है। आज के स्कूल और हमारे समय के स्कूल में बहुत बदलाव है। इस स्कूल से देश को बहुत उम्मीद है। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के गुण बताते हुए कहा कि ग्रामीण विद्यालय से उठ कर बीएचयू से एमएससी, एम टेक करके इसरो में मैं पिछले 28 वर्षों से वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा कर रहा हूं। कठिन परिश्रम से जीवन में हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।'
वहीं, गांव निवासी कृषि विशेषज्ञ व एक निजी कंपनी के डायरेक्टर ज्ञानचन्द्र तिवारी ने कहा कि हमारा गांव धरती से चांद तक देश को अनंत ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अपनी सेवा दे रहा है। यह हम सबके लिए गर्व का क्षण है। इस अवसर पर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक लालचंद मौर्या, प्राथमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी दिव्यांश विक्रम सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय गिधौना के सहायक अध्यापक सतीश तिवारी , केशव प्रसाद मौर्या, पुनीत सिंह, देवता दीन समेत विद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे।
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