UP एसटीएफ को बलिया में मिली बड़ी सफलता : फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, सरगना गिरफ्तार
बलिया : उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने रविवार को पश्चिम बंगाल का फर्जी डोमेसाइल सर्टिफिकेट और आधार कार्ड तैयार कराकर उत्तर प्रदेश के रहने वाले युवाओं को अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में रेलवे और सेना की प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित कराने वाले एक अंतरराज्यीय संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के मुखिया बलिया निवासी एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ वाराणसी इकाई ने बलिया शहर कोतवाली के जमुई गांव से रविवार को छापेमारी कर शशि भूषण उपाध्याय नामक एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एसटीएफ वाराणसी इकाई के निरीक्षक पुनीत परिहार की तहरीर पर रविवार को रात्रि बलिया शहर कोतवाली में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4), 336 (3), 340 और 61 ( 2) में मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि एसटीएफ वाराणसी इकाई को जानकारी प्राप्त हुआ कि बलिया जिले के आस पास के क्षेत्र से उत्तर प्रदेश के निवासी प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिए पश्चिम बंगाल खासकर कोलकाता का निवास प्रमाण पत्र फर्जी बनाकर उपयोग में ला रहे हैं। इसमें एक संगठित गिरोह कार्य कर रहा है।
छानबीन के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि शशि भूषण उपाध्याय नामक व्यक्ति सेना , रेलवे और अन्य सरकारी नौकरियों में नौकरी लगाने के लिए काफी लोगों का फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवा कर उपलब्ध कराता है। एसटीएफ वाराणसी इकाई ने रविवार को मुखबिर की सूचना के आधार पर बलिया जिले के बांसडीह थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव के रहने वाले शशि भूषण उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया।
उसके पास से एक प्लास्टिक की बड़ी पालीथीन से फर्जी डोमेसाइल सर्टिफिकेट बरामद किया गया। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार शशि भूषण उपाध्याय ने पूछताछ में जानकारी दी है कि वह बलिया और आस पास के क्षेत्र के लड़कों को पश्चिम बंगाल खासकर कोलकाता का फर्जी डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनाकर देता है। इससे लड़के पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में सेना और रेलवे में भर्ती के योग्य हो जाते हैं और फर्जी डोमेसाइल सर्टिफिकेट लगाकर प्रतियोगी छात्र विभिन्न नौकरियों के आवेदन पत्र में इसे लगाकर नौकरी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
उपाध्याय ने यह भी खुलासा किया है कि वह फर्जी डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनाने के लिए एक लाख रुपए से लेकर तीन लाख रुपए की वसूली करता है। इसके लिए वह पश्चिम बंगाल के रहने वाले कुछ लोगों मिथुन कर्माकर, मनोज कुमार सिंह और राजन सिंह नामक शख्स के सहयोग से फर्जी डोमेसाइल सर्टिफिकेट और आधार कार्ड बनवाता है। शशि भूषण उपाध्याय ने पूछताछ में यह भी खुलासा किया है कि वह अब तक एक हजार से अधिक फर्जी डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनवा चुका है।
शशिभूषण ने वर्ष 2000 में फर्जी दस्तावेज के आधार पर सेना में भर्ती ली थी। प्रमाण पत्र की जांच के दौरान पकड़े जाने के डर से उसने प्रशिक्षण बीच में ही छोड़ दिया और फरार हो गया था। कोतवाली प्रभारी योगेन्द्र बहादुर सिंह ने सोमवार को शशि भूषण उपाध्याय की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि गिरोह के मुखिया उपाध्याय को आवश्यक विधिक कार्रवाई पूर्ण करते हुए न्यायालय में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस इस गोरखधंधे से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है।
रोहित सिंह मिथिलेश
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