सृजन को समर्पित हो यह नव वर्ष
नवीनता, जीवन की ऊर्जा है। सुबह, शाम, धूप, छांव सब कुछ पूर्ववत होने के बाद भी वर्ष बदल रहा है। मन नए साल (2025) में कुछ नवीनता की प्रत्याशा से आनंदित है। यह आनन्द तब और बढ़ जाएगा जब हमारा ध्येय सामाजिक एकता, प्रेम और सद्भावना पर केंद्रित रहे। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा समय, विचार और हमारी ऊर्जा सकारात्मकता और शांति से भरी हो। अविरल समय की नदी में अच्छी वस्तुओं के साथ-साथ समाज को प्रदूषित करने वाले कुछ कचरे भी प्रवाहित होंगे। पर हमारा दायित्व है कि हम इसे साफ करें। प्रत्येक व्यक्ति अपने हिस्से की भूमिका निभाए, तो सामाजिक कल्याण की सुंदर पटकथा तैयार हो सकती है।
पिछले साल जिनके साथ अनबन रही है, इस साल उनके साथ सुलह हो। अतीत को छोड़कर नया जीवन शुरू करने का संकल्प लें। प्रार्थना है इस सृष्टि के नियामक से, हम सभी को आगत नव वर्ष की स्वर्णिम आभा से अभिसिंचित रखें। तन स्वस्थ हो, मन प्रफुल्लित रहे। सेवा-परोपकार तथा परस्पर सहयोग की भावना को विस्तार मिले। गए साल के सबक चुनना, नए साल के सपने बुनना, आप बस यूं ही बढ़ते रहना। आपके स्वप्न साकार हों और संभावनाओं को आकार मिले। आपका, मेरा, हम सब का नव वर्ष, सृजन को समर्पित हो... इन्हीं आकांक्षाओं के साथ 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं।
अजीत कुमार पाठक
बलिया
Comments