सपा सांसद ने उठाया इन जातियों के जाति प्रमाण-पत्र का मुद्दा
Ballia News : सलेमपुर सांसद रमाशंकर राजभर ने मंगलवार को लोकसभा में तुरैहा, गोंड़, खरवार आदि जातियों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये जाने का मामला संसद के शून्यकाल में उठाया। सांसद ने कहा कि उप्र के विभिन्न जनपदों में तुरैहा, गोंड़ खरवार व धनगर जातियों को क्रमशः अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति में अधिसूचित किया गया है। लेकिन स्थानीय स्तर पर इन्हें जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है।
इससे इनके विकास में बाधा उत्पन्न होने के साथ ही उनका संवैधानिक हक नहीं मिल पा रहा है। तुरैहा जाति अनुसूचित जाति में अधिसूचित है, लेकिन क्षेत्रीय भाषा में इसे तुरहा कहा जाता है। इसी तरह धनगर को गड़ेरिया व पाल कहा जाता है। लेकिन स्थानीय तौर पर नाम बदला हुआ होने के कारण मूल जाति का होने पर भी अधिकारी इन जातियों को प्रमाण पत्र निर्गत नही कर रहें हैं। इसी तरह खरवार को स्थानीय भाषा मे कमकर कहा जाता है।
यही स्थिति गोंड जाति की भी है। यहां भी गोंड़ व गोंड के बीच भेद के कारण प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है। सांसद ने लोकसभा में यह मांग उठाई है कि इन सभी जातियों की क्षेत्रीय बोलचाल की भाषा को भी अधिसूचित शब्दों के साथ मिलान कर भ्रांतियों को दूर करते हुए इन सभी जातियों को जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए, जिससे इनका समुचित विकास हो सकें।
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