अमेरिका की वैज्ञानिक पत्रिका में मिली बलिया के लाल को जगह, IIT बीएचयू में शोध छात्र हैं जयदीप




सस्ती और संवेदनशील एसईआरएस सब्सट्रेट से जैव-अणुओं और दूषकों की सटीक पहचान संभव
Ballia News : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बीएचयू के स्कूल ऑफ मैटेरियल्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने सतह संवर्धित रामन प्रकीर्णन (एसईआरएस) तकनीक पर आधारित एक अत्यधिक किफायती और संवेदनशील सब्सट्रेट विकसित किया है, जिससे जैव-अणुओं और हानिकारक दूषकों की पहचान अत्यंत सटीकता और सरलता से की जा सकती है।
प्रो. आशीष कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में शोधकर्ता जयदीप गुप्ता और प्रियंका जांगड़ा द्वारा विकसित इस अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से रक्त में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण जैव-अणुओं-बिलीरुबिन और विटामिन बी12 के अलावा, दूध में आमतौर पर मिलाए जाने वाले खतरनाक मिलावटी पदार्थ मेलामाइन का भी प्रभावी ढंग से पता लगाया जा सकता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से स्नातक की पढ़ाई पूर्ण करने के साथ ही परास्नातक की उपाधि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी से प्राप्त कर प्रधानमंत्री रिसर्च फेलो (पीएमआरएफ) के रूप में आईआईटी बीएचयू में शोध कार्य कर रहे जयदीप गुप्ता का यह शोध विश्व के प्रतिष्ठित अमेरिकन केमिकल सोसायटी (ACS) के जर्नल एसीएस एप्लाइड नैनोमैटेरियल्स (ACS Applied Nano Materials) में प्रकाशित हुआ है, जो इसकी उच्च वैज्ञानिक गुणवत्ता और वैश्विक मान्यता को दर्शाता है।
बलिया शहर के गुदरी बाजार निवासी चावल विक्रेता श्रीराम जी गुप्ता तथा नगर पालिका परिषद बलिया की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती साधना गुप्ता के सुपुत्र जयदीप गुप्ता ने बताया कि यह नवाचार स्वास्थ्य, चिकित्सा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक प्रभावी मंच प्रदान करेगा, जिससे बीमारियों के प्रारंभिक निदान और खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान अधिक तेज़, सटीक और किफायती हो सकेगी। यदि सरकार और उद्योग जगत इस दिशा में सहयोग करें, तो भविष्य में इसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।

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