सेंटर फॉर एक्सीलेन्स : एआई एंड रोबोटिक्स लैब से लैस हुआ बलिया का सनबीम स्कूल, जानें इसके फायदे




Sunbeam Ballia : आज का युग तकनीकी क्रांति का युग है। ऐसे में पुस्तकीय जान के साथ अनुभव आधारित शिक्षण और तकनीकी जानकारी भी विद्यार्थियों को देना नितांत आवश्यक है, ताकि वे अपने भविष्य और कार्यक्षेत्र में इसका उपयोग कर सकें।इसी बात को ध्यान में रखते हुए अपने विद्यार्थियों के हित में सदैव कार्यरत सनबीम स्कूल बलिया ने विद्यालय प्रांगण में रोबोटिक्स एवं स्टेम लैब का निर्माण करवाया है, जिसका उद्घाटन गोरखपुर विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग के डीन तथा रसायनशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एनबी सिंह ने किया। इस अवसर पर मायरा फाउंडेशन के संस्थापक डॉ मनीष झा भी उपस्थित थे।
प्रोफेसर सिंह ने निरीक्षण करते हुए लैब में उपस्थित सुविधाओं की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए बताया कि आज के युग में इस प्रकार का लैब विद्यार्थियों के अत्यंत लाभदायक है। 21वीं सदी में इसकी उपयोगिता बढ़ गई है। रोबोटिक्स और स्टेम लैब विद्यार्थियों में रचनात्मकता, समस्या समाधान कौशल और नवाचार को बढ़ाता है। इस अवसर पर रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विस्तृत जानकारी देने के लिए डॉ मनीष झा (मायरा स्टेम लैब के संस्थापक) द्वारा अभिभावकों के लिए एक सेशन का आयोजन किया गया, जिसमें उन्हें इस लैब से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई।
डॉ झा. ने कहा कि आने वाले समय में कई प्रकार की चुनौतियां हैं, क्योंकि अब समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आ गया है। इसमें नित नवीनता के साथ वृद्धि होती जा रही है। इनोवेशन के नए-नए तरीके ढूंढे जा रहे हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम का यह एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। इसमें कोडिंग व चिप की व्यवस्था है। जिसके अनुसार किसी भी कार्य को कम समय में आसानी से सटीक रूप से संपादित कर सकते हैं। इसमें कौशल पूर्ण इंजीनियरिंग व मैथ्स की भूमिका अधिक होती है।
उन्होंने अभिभावकों से निवेदन करते हुए कहा कि भारत जैसे अत्यधिक जनसंख्या वाले देश में जॉब की बड़ी समस्या है। ऐसे में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के बाद बच्चों को अपनी रुचि के अनुसार विषय का चुनाव करने दीजिए। उनके ऊपर अमुक विषय लेने का दबाव न डालें। इससे उनके हित को नुकसान पहुंच सकता है। समय की मांग के अनुसार यदि बच्चे को उचित मार्गदर्शन मिले तो वह अपने जीवन में निश्चित रूप से लक्ष्य को पा सकता है, इस बात का सदैव ध्यान रखें। अभिभावकों ने विद्यालय में स्थित विभिन्न प्रयोगशालाओं को भी देखा।
विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने कहा कि यह विद्यालय हर नई तकनीक से बच्चों को अवगत कराने के लिए तत्पर है। बच्चों को अधिक से अधिक नई जानकारियां हासिल हो। इसके निमित्त विशेषज्ञों के सत्र चलाए जाते हैं। पठन-पाठन में ऐसी तकनीक को भी शामिल करने का निश्चित प्रयास किया जाता है। आज के युग में जरूरत है समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की। उन्होंने रोबोटिक्स के विषय में बताया कि इसके द्वारा अपने अनेकों कौशलों का विकास होगा, जो न आपके तकनीकी क्षेत्रों, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में सहायता करेगा। यह आप में सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करेगा।
विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने कहा कि विद्यालय सदैव ही अपने विद्यार्थियों के हित हेतु हर संभव कार्य करने को तैयार रहता है, इसी क्रम में इस लैब का निर्माण कराया गया है ताकि विद्यार्थियों को समुचित शिक्षा प्राप्त हो सके। उन्होंने इसकी सुविधाओं के विषय में बताया कि इस लैब मे विद्यार्थियों के लिए ब्लॉक बेस्ड कोडिंग, ओरबूट अर्थ सेट, कम्प्रेहेंसीव रोबोटिक्स सेट, डिजिटल माइक्रोस्कोप, मैकॉट्रॉनिक्स, दिय आई ओ टी किट t दिय ड्रोन, अपोलो 11, एवी विआर, रोबोटिक्स आर्म किट, 3 डी प्रिंटर आदि अनेको सुविधाएं उपलब्ध हैँ। मौके पर प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी, ग्लोबल कोऑर्डिनेटर शहर बानो, हेडमिस्ट्रेस नीतू पांडेय, समन्वयक पंकज सिंह, की उपस्थिति सराहनीय रही।


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