नहीं रही स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, देश में दौड़ी शोक की लहर ; पीएम मोदी समेत कई हस्तियों ने जताया शोक
Sharda Sinha Education And Awards : बिहार की स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन के बाद बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, 'आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।'
शारदा सिन्हा को पूरी दुनिया में उनकी सुरीली आवाज और खासतौर पर उनके छठ गीतों के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ समय से उनकी सेहत काफी नाजुक थी। एम्स दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था। उनकी मौत की खबर ने बिहार समेत पूरे देशवासियों को हिलाकर रख दिया है। शारदा सिन्हा को उनकी सुरीली आवाज और गीतों के लिए कई खिताबों और अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस… pic.twitter.com/sOaLvUOnrW
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2024
पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित
शारदा सिन्हा को कला जगत में अभूतपूर्व योगदान के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा गया था। पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात कर मां की तबीयत के बारे में जानकारी ली।
अपनी मधुर आवाज़ से पाँच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊँचाई देने वाली शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) November 5, 2024
बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध शारदा सिन्हा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाया और पार्श्व गायिका के रूप में फिल्म जगत को…
दशकों लंबे संगीत करियर में अभूतपूर्व योगदान
शारदा सिन्हा को मैथिली और भोजपुरी संगीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें लोक गायिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एक सांस्कृतिक राजदूत के रूप में जाना जाता है। गायिकी के अलावा शारदा सिन्हा विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों में भी सक्रिय रहीं। लगभग पांच दशक लंबे संगीत करियर में अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। बिहार सरकार ने भी इन्हें सम्मानित किया।
श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन से मुझे अत्यंत दुख हुआ है। वे एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी लोक गायिका थीं जिन्होंने भोजपुरी भाषा को जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाया। उनके गीतों को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे। उनके निधन से लोक संगीत की दुनिया ने एक प्रभावी स्वर खो दिया है। दुःख की इस घड़ी…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 5, 2024
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