सनबीम स्कूल बलिया में जीवंत हुआ क्रांति 1942@बलिया

सनबीम स्कूल बलिया में जीवंत हुआ क्रांति 1942@बलिया

बलिया : सनबीम स्कूल बलिया (Sunbeam School Ballia) निरंतर अपने विद्यार्थियों के हित में कार्य करने हेतु चर्चा का केंद्र बिंदु होता है।विद्यालय का उद्देश्य निरंतर अपने विद्यार्थियो का सर्वांगीण विकास करना होता है, इसीलिए विद्यालय में पाठ्यक्रम के अतिरिक्त भी विभिन्न गतिविधियों द्वारा विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास करने का प्रयास किया जाता है। कहा भी गया है, जो व्यक्ति अपने गौरवशाली इतिहास को नहीं जानता उसे इतिहास भुला देता हैं।

IMG-20240928-WA0025

इसी क्रम में दिनांक 28 सितंबर को विद्यालय प्रांगण में बलिया के लेखक एवं निर्देशक श्री आशीष त्रिवेदी द्वारा लिखित नाटक *क्रांति 1942@बलिया* का मंचन किया गया। इस नाटक में संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवम सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों ने बलिया के महान क्रांतिकारियों की भूमिका को जीवंत कर सभी को भावुक करने के साथ साथ गर्व कि अनुभूति कराया। नाटक की प्रस्तुति के दौरान कई बार विद्यालय के विद्यार्थियों तथा प्रांगण में उपस्थित  लोगों ने करतल ध्वनियों  से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

IMG-20240928-WA0027

यह भी पढ़े बलिया में पशुओं से लदा ट्रक बरामद, एक तस्कर गिरफ्तार ; दूसरा फरार

कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि आशीष त्रिवेदी, डॉ कुंवर अरुण सिंह तथा डॉ अर्पिता सिंह द्वारा तुलसी वेदी पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम संचालक के रूप में विद्यार्थी शौर्य पांडे ने नाटक के  विषय "बलिया की क्रांति" के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई। नाटक की प्रस्तुति में कलाकारों ने अपने अभिनय से बलिया की क्रांति को पुनः जीवंत कर दिया। 18 अगस्त 1942 में हुए बैरिया शहादत, 16 अगस्त को बलिया सब्जी मंडी में गोली कांड जैसे दृश्य को देखकर कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग भाव विभोर हो उठे।

यह भी पढ़े बलिया के इस इलाके में एक अक्टूबर तक सुबह 10 बजे से शाम पांच तक नहीं रहेगी बिजली

नाटक में जानकी देवी के नेतृत्व में बलिया कलेक्ट्रेट पर महिलाओं ने जब तिरंगा फहराया तो दर्शक नारीशक्ति की जयकार करने लगे। नाटक की प्रस्तुति के पश्चात श्री आशीष त्रिवेदी द्वारा विद्यार्थियों  से नाटक संबंधित प्रश्न भी पूछे गए जिसका उत्तर विद्यार्थियों ने बड़ी उत्सुकता के साथ दिया। उनको पुरस्कार भी दिया गया।

यह भी पढ़े छात्राओं और शिक्षिकाओं ने Pricipal पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

विद्यालय निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बलिया को बागी कहने के पीछे बहुत गूढ़ अर्थ है। बलिया अपने क्रांतिकारियों के बल पर सन 1942 में ही आजाद हो गया था। उन क्रांतिवीरो की कुर्बानी के कारण बलिया का नाम इतिहास के पन्नो पर स्वर्णाक्षरों में अंकित हैं। महान नेता वही होता है, जो अन्याय और अत्याचार के खिलाफ पहली आवाज बुलंद करे। बलिया के युवा पीढ़ी का नैतिक कर्तव्य है कि अपने गौरवशाली इतिहास को जाने और उसे संरक्षित करने का प्रयास करे।

IMG-20240928-WA0026

प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने अपने संबोधन में सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा विद्यार्थियों को अभिनय हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि अभिनय की प्रतिभा बहुत कम लोगों में पाई जाती है। यदि आप अभिनय में रुचि रखते है तो आगे बढ़कर अपनी कला को निखारें। इस अवसर पर विद्यालय प्रशासक श्री संतोष कुमार चतुर्वेदी, विद्यालय डीन श्रीमती शहर बानो, हेडमिस्ट्रेस श्रीमती नीतू पाण्डेय आदि की भूमिका सराहनीय रही।

Post Comments

Comments

Latest News

थार सवार बदमाशों ने ASI को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा थार सवार बदमाशों ने ASI को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
MP News : मध्य प्रदेश के शिवपुरी में बदमाशों ने मंडी के एएसआई और एलडीसी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और...
बलिया GRP को मिली बड़ी सफलता : तमंचा और 825 कारतूस के साथ दो युवक गिरफ्तार, ऐसे करते थे तस्करी
बलिया : कलेक्ट्रेट संघ के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र नाथ तिवारी को दी श्रद्धांजलि
छात्राओं और शिक्षिकाओं ने Pricipal पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप
बलिया में खाद्य विभाग बड़ी कार्रवाई : 89 लाइसेंस निरस्त, 9.46 लाख लगा अर्थदण्ड
बलिया में पशुओं से लदा ट्रक बरामद, एक तस्कर गिरफ्तार ; दूसरा फरार
बलिया में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेन को डिस्टर्ब करने की कोशिश नाकाम