फर्जी IPS मिथिलेश पुलिस नहीं, अब बनेगा डॉक्टर ; देखिए VIDEO
इतना तो असली आईपीएस फेमस नहीं होता, जितना जमुई का मिथलेश मांझी हो गया है। सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। बिहार ही नहीं, देश में सोशल मीडिया पर मिथलेश मांझी छा गया है। सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अपने एकाउंट से खूब वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने तो मिथिलेश मांझी का इंटरव्यू तक लिया है।
Bihar News : बिहार में दो लाख रुपये देकर फर्जी आईपीएस अधिकारी बनने वाले मिथिलेश कुमार अब डॉक्टर बनना चाहता है। मिथिलेश का कहना है कि वो डॉक्टर बनकर लोगों की जान बचाएगा। कहा, 'अब वो पुलिस वाला नहीं बनेंगे। अब डॉक्टर बनेंगे। ऊ सब नहीं बनना है, हां डॉक्टर बनना है। डॉक्टर बनकर सबको बचाएंगे।'
मिथलेश मांझी का 'प्लान बी'
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इंटरव्यू में मिथलेश मांझी ने अपना अगला प्लान 'बी' बताया है। अब आईपीएस के बाद आगे का क्या लक्ष्य है इसके बारे में बात की है। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग तरह तरह के कमेंट भी कर रहे हैं कि आईपीएस बनने में 2 लाख रुपया लग गए तो इसके आगे का प्लान में कितना खर्च होगा ?
मिथिलेश मांझी का अगला प्लान सीधा धरती का भगवान बनने का है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इंटरव्यू में मिथलेश मांझी से पूछा गया कि 'आप 10वीं पास हैं, आईपीएस तो नहीं बन पाए, बने लेकिन फर्जी आईपीएस बने, अब आगे का क्या प्लान है?' इसपर मिथिलेश मांझी कहता है कि 'अब पुलिस नहीं बनेंगे, अब बनेंगे तो डॉक्टर ही बनेंगे..उसब नहीं बनेंगे।'
मिथलेश मांझी से पूछा गया कि'डॉक्टर बनकर क्या करेंगे?' इसपर उसने कहा कि 'डॉक्टर बनकर लोगों को बचाएंगे। 'मिथलेश मांझी का यह वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर यह भी कह रहे हैं कि 'हमें भी आईपीएस बनना है कितना रुपया लगेगा।' कई कह रहे हैं कि 'डॉक्टर बनने के लिए कितना रुपया लगेगा।'
मिथिलेश के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
मिथिलेश के खिलाफ खैरा पुलिस थाने में केस दर्ज किया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। मिथिलेश कुमार 10वीं पास हैं। 19 साल का मिथिलेश कुमार लखीसराय जिला के हलसी थाना क्षेत्र के गोवर्धन बीघा गांव का रहने वाला है। खैरा इलाके के मनोज सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उसे पुलिस में नौकरी लगाने का ऑफर दिया था। इसके लिए उससे दो लाख तीस हजार रुपये की मांग की गई थी। इसके लिए मिप्शथि ने अपने मामा से दो लाख रुपये लेकर मनोज सिंह को दिए, ताकि उसकी नौकरी पुलिस में लग जाए।
मनोज सिंह को तलाश कर रही पुलिस
इसके बाद मनोज सिंह ने उसके शरीर का नाप लिया और उसके दूसरे दिन बुलाकर उसे आईपीएस की वर्दी तथा आईपीएस का बैच और नकली पिस्टल दे दिया। मिथिलेश वर्दी पहनकर आरोपी मनोज सिंह से मिलने निकला था, तभी सिकंदरा चौक के पास पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, मामले में सिकंदरा थाना के सब इंस्पेक्टर मोजम्मिल अंसारी की शिकायत के आधार पर मिथिलेश कुमार और मनोज सिंह को आरोपी बनाया गया और मुकदमा दर्ज किया गया। मिथलेश कुमार से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि मनोज सिंह ने उसे खैरा चौक पर वर्दी, लाइटर पिस्तौल और एक बैग देते हुए कहा कि उसकी आईपीएस में नौकरी लग गई है। वर्दी पहन कर हलसी थाना में अपना योगदान दे दे। मिथिलेश ने पुलिस को बताया कि वह वर्दी पहनकर और कमर में लाइटर पिस्तौल रख कर अपनी बाइक से हलसी थाना जा रहा था, मगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
क्या कहा डीएसपी ने?
जमुई के डीएसपी सतीश सुमन ने कहा कि सात या सात साल से कम सजा वाले मामले में गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है। कहा कि फर्जी आईपीएस वाले मामले में आरोपी मिथिलेश कुमार को इसी के तहत बॉन्ड भरवा कर जेल न भेजते हुए छोड़ा गया है। जिन लोगों की भी इस मामले में संलिप्तता पाई जाएगी, उन्हें आरोपी बनाकर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मनोज को तलाश रही है।
दो लाख देकर सीधे आईपीएस बनने के असफल प्रयोग के बाद अब भाई डॉक्टर बनने के मूड में है 😂 pic.twitter.com/nnzhzMyfyd
— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) September 23, 2024
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