विमान दुर्घटना और ब्लैक बॉक्स का आपसी सम्बन्ध... पत्रकार रवीन्द्र तिवारी की एक रिपोर्ट

विमान दुर्घटना और ब्लैक बॉक्स का आपसी सम्बन्ध... पत्रकार रवीन्द्र तिवारी की एक रिपोर्ट


किसी भी विमान दुर्घटना के पश्चात आपने एक शब्द अवश्य सुना होगा वो ये की ब्लैक बॉक्स की खोज जारी है। आखिर ये ब्लैक बॉक्स है क्या और क्यों खोजा जाता है। इस पहलू पर आपने सोचा है कभी? नही न, तो आइये हम आपको बताते है कि ये आखिर क्या बला है ब्लैक बॉक्स ?

दरअसल, 1953-54 के मध्य बढ़ती विमान दुर्घटना से चिन्तित विमानन आयोग ने एक ऐसे डिवाइस का आविष्कार किया कि विमान दुर्घटना के पश्चात उन गतिविधियों का अध्ययन कर सके जो विमान दुर्घटना के कारक होते है!कहने को तो ये ब्लैक (काला) बॉक्स होता है, लेकिन होता है सुर्ख लाल या नारंगी रंग का। इसके पीछे कारण यह है कि इन दो रंगों का प्रकाश के प्रति प्रक्रिणन अधिक होता है। अर्थात देखने की शक्ति अधिक होती है। ब्लैक बॉक्स में दो डिवाइस कार्य करते है, जो मूलतः सीवीआर और एफडीआर होते है।

सीवीआर का मतलब कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग और एफडीआर अर्थात फ्लाइट डाटा रिकॉर्डिंग।कहने का आशय यह है कि ये दोनों डिवाइस विमान के उड़ने से लेकर कॉकपिट के सारे रिकॉर्ड को रखता है कि आखिर चूक कहा हुई, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया ? ये ब्लैक बॉक्स पूर्णरूपेण टाईटेनियम के बने होते है, ताकि बड़ी से बड़ी दुर्घटना में नष्ट न हो सके और होता भी यही है। इस ब्लैक बॉक्स को विमान के पिछले सतह जहां दबाव कम होता है, वही लगाया जाता है, जहां इसको नष्ट होने की संभावना कम होती है। इस डिवाइस से विमान दुर्घटना में हुई चूक से सबक लेकर आगे और सावधानी बरतने में माकूल मदद मिलती है। यही वजह है कि ब्लैक बॉक्स की खोज विमान दुर्घटना के पश्चात की जाती है।

ब्लैक बॉक्स विमान पिछले हिस्से में कई परीक्षण के बाद  लगाया जाता है। विमान दुर्घटना होने पर इस हिस्से का नुकसान कम ही हो पाता है। विमान के पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के भी बचने के चांस होते है, जैसा कि पाकिस्तान में हुए विमान हादसे में भी दो यात्री बच गए। ये वही यात्री है, जो पीछे की सीट पर बैठे थे। विमान के ब्लैक बॉक्स का डिवाइस पायलट के बैठने से लेकर कंट्रोल रूम में बैठे एअर ट्रैफिक कंट्रोल से हुई बातचीत का समस्त ब्यौरा रिकॉर्ड करता रहता है। ब्लैक बॉक्स की जांच के उपरांत ही ये ज्ञात हो पाता है कि दुर्घटना के पीछे मानवीय भूल रही या यांत्रिकी गड़बड़ी।


रवीन्द्र तिवारी 

Related Posts

Post Comments

Comments

Latest News

8 सितम्बर 2024 : आपके लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें दैनिक राशिफल 8 सितम्बर 2024 : आपके लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें दैनिक राशिफल
मेष आज का दिन आपके लिए इनकम को बढ़ाने वाला रहेगा। आपकी संतान को किसी नई नौकरी की प्राप्ति हो...
बलिया : आलोक सिंह मोनू बने सदस्यता अभियान के जिला संयोजक
बलिया पुलिस पर हमला करने वाले पति-पत्नी समेत सात अभियुक्त गिरफ्तार
एडेड स्कूलों में 22 से अधिक फर्जी नियुक्तियां, DIOS ने रोका वेतन ; लगभग 2 करोड़ हो चुका है एरियर भुगतान
बलिया : नहीं रहे पं. सुधाकर मिश्र, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व कलराज मिश्र से था गहरा रिश्ता ; जानिए जनसंघ से भाजपा तक इनका राजनीतिक सफर
बलिया : त्यागपत्र व नियुक्ति, वेतन, पेंशन तथा ग्रेज्युटी भुगतान के मामले में चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
विद्यालय की दीवारों पर स्पष्ट अंकित करे MDM मेन्यू और शत प्रतिशत हो अनुपालन : बीएसए