हरतालिका तीज व्रत का ये है शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास के हस्त नक्षत्र में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत 6 सितंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियों को गौरी शंकर की पूजा करने का विधान है। व्रतियों को पूजन में सुहाग सामग्री देवी पार्वती को अर्पित करना चाहिए। भगवान शिव को धोती और अंगोछा अर्पित करना चाहिए। अगले दिन माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाकर और उन्हें मीठे का भोग लगाकर प्रसाद और सुहाग सामग्री किसी सुहान स्त्री को देकर अपना व्रत पूर्ण करना चाहिए।
विधिपूर्वक इस पूजन को करने से कुमारी कन्याओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति और स्त्रियों को पार्वती जी के ही समान सुखपूर्वक पतिरमण करके शिवलोक की प्राप्ति होती है। इस व्रत में जल और फल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। पूजा संभव नहीं हुआ तो सूर्यास्त के बाद रात्रि होने से पहले प्रदोष काल के समय में करना चाहिए।
इस व्रत में व्रती को शयन का निषेध होने के साथ रात्रि में भजन कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती करने का विधान है। इस दिन शिवलिंग पर फुलेरा बांधा जाता हैं जो फूलों से बना एक जाल जैसा होता है इस दिन शिवजी पर बिना फुलेरा बांधे शिवजी की पूजा अधूरी रहती हैं और व्रत भी पूर्ण नहीं माना जाता है। हरतालिका तीज के दिन शिवलिंग पर फुलेरा बांधने से वैवाहिक जीवन का क्लेश दूर होता है और भगवान शिव की कृपा से दांपत्य जीवन की सभी बाधाएं नष्ट हो जाती हैं। पारिवारिक सुख की भी प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य
डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय
इंदरपुर,थम्हनपुरा,बलिया
सम्पर्क : 9918861411
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