सुहागरात बनीं अंतिम रात... एक ही चिता पर हुआ दूल्हा-दुल्हन का अंतिम संस्कार
The bride and groom were cremated on the same pyre




UP News : कल जहां बसती थी खुशियां, आज हैं मातम वहां... वक्त ही लाया था बहारे, वक्त ही लाया हैं खिजां...। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सुहागरात पर दुल्हन और दूल्हे की मौत ने सभी को झकझोर दिया है। शनिवार की सुबह पिया संग घर में जब दुल्हन का प्रवेश हुआ, मांगलिक गीतों की गूंज थी। चहुंओर खुशी का माहौल था। लेकिन सुहागरात की रात दूल्हा-दुल्हन के लिए अंतिम रात बन गई। रविवार की सुबह उनके कमरे का दरवाजा ही नहीं खुला, खोला गया तो करुण-क्रंदन और चीत्कार मच गया।
मामला कैंट के सहादतगंज मुरावन टोला का है। 7 मार्च यानी शुक्रवार को प्रदीप की शादी हुई थी। शनिवार सुबह दुल्हन शिवानी विदा होकर पिया घर आई थी। रविवार यानी आज उनका रिसेप्शन था, जिसकी तैयारियां चल रही थीं। वहीं, रविवार की सुबह कमरे में पत्नी शिवानी बेड पर पड़ी थी, जबकि पति प्रदीप पंखे पर लटका हुआ था। दूल्हे को फंदे से उतारा और दोनों को अस्पताल में ले गए। वहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। रविवार शाम को प्रदीप के बड़े भाई दीपक ने दोनों को एक ही चिता पर रखकर अंतिम संस्कार किया।
बेटे और बहू की मौत पर मां रोते-रोते बेसुध हो गई। दूल्हे के भाई दीपक कुमार का कहना है कि एक साल पहले रिश्ता तय हुआ था, कोई समस्या नहीं थी। शुक्रवार शाम को हम लोग डीली सरैया बारात लेकर पहुंचे। भाई बहुत खुश था। धूमधाम के साथ शादी हुई। दूल्हा-दुल्हन से साथ में फोटो भी खिंचवाई। शनिवार की पूर्वांह 11 बजे दुल्हन की विदाई हुई। हम लोग दोपहर 1 बजे घर पहुंचे। शाम 4 बजे तक पूजन का कार्यक्रम चला। रात 11 बजे तक महिलाएं गीत गाकर जश्न मनाती रहीं। फिर भइया और भाभी कमरे में गए। आज रिसेप्शन था, इसलिए सुबह मैं मंडी सब्जी लेने गया था। घरवालों ने फोन कर घटना की सूचना दी। दरवाजा तोड़ा तो अंदर शव लटका हुआ था। भाई ने ऐसा क्यों किया? इसकी कोई जानकारी नहीं है। सब कुछ अच्छा चल रहा था।

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