महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं ? जानें पूजा विधि और महत्व, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं ? जानें पूजा विधि और महत्व, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

Mahashivratri 2025 : महाशिवरात्रि हिन्दुओं का बड़ा पर्व होता है। महाशिवरात्रि के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि अगर यह व्रत मंगलवार, रविवार और शिवयोग में पड़े तो यह विशेष होता है। धर्म शास्त्रों की माने तो भगवान शंकर के पास इस सृष्टि को नष्ट करने की क्षमता है। ऐसे में उन्हें खुश रखना जरूरी है। साथ ही भगवान शंकर सभी देवताओं में सीधे होते हैं, उनकी कृपा बरसते ही जीवन धन्य हो जाता है। इसी वजह से इन्हें भोले बाबा भी कहा जाता है।

भगवान भोले नाथ भाव के भूखे हैं। वे किसी भी तरह से पूजा करने पर प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी पूजा में किसी भी तरह के दिखावे की जरूरत नहीं होती है। अगर आप महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं या इस बार रखने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखें। अगर नीचे दी गई सावधानियों को बरतते हुए भोले बाबा का व्रत किया जाए तो वे प्रसन्न होते हैं।

महाशिवरात्रि के मौके पर शिवलिंग पर दूध और जल के साथ फल-फूल, चावल को मिलाकर जलाभिषेक किया जाता है। हालांकि जलाभिषेक के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि टूटा चावल का चढ़ावा नहीं किया जाए।

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भगवान शंकर की पूजा में बेल पत्र का चढ़ावा शुभ होता है, लेकिन खंड़ित बेलपत्र भोलेबाबा पर नहीं चढ़ाए। वही बेलपत्र चढ़ाएं जो तीन पत्तों वाले हों। कीड़े खाए हुए बेलपत्र भी भगवान पर न चढ़ाएं।

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 सुख शांति के लिए करें यह उपाय

1.विवाह के लिए : यदि विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला कर दूध चढ़ाएं।

2.धन प्राप्ति के लिए : मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें।

3.मनोकामना पूर्ति के लिए : शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।

4.सुख समृद्धि के लिए : शिवरात्रि पर बैल को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा।

5.पितरों की शांति के लिए : शिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी। साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

6.मन की शांति के लिए : पानी में काला तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।

7.आमदनी बढ़ाने के लिए : शिवरात्रि पर घर में पारद के शिवलिंग की योग्य ब्राह्मण से सलाह कर स्थापना कर प्रतिदिन पूजा करें। इससे आपकी आमदनी बढ़ाने के योग बनते हैं।

8.संतान प्राप्ति के लिए : शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। 11 बार इनका जलाभिषेक करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।

अलग-अलग मनोकामना के लिए इन चीजों से करें अभिषेक

01. रोगों को शांत करने के लिए भगवान शिव का कुशोदक से अभिषेक करें।

02. भवन वाहन के लिए दही एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से करें।

03. धन वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।

04. पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से अभिषेक द्वारा योग्य संतान-प्राप्ति होती है। 

05. सहस्रनाम मंत्रों का उच्चरण करते हुए घृत की धारा से वंश वृद्धि होती है। 

06. सरसों के तेल से अभिषेक द्वारा शत्रु पराजित होता है।

07. शर्करा मिलाकर दूध के अभिषेक से जड़बुद्धि विद्वान होता है। 

शिवरात्रि पर करें कालसर्प या राहू योग का निवारण
चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा, हलवा, सरसों का तेल, काला सफेद कंबल शिवलिंग पर अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र की कम से कम, एक माला 108 मंत्र अवश्य पढ़ें।

महाशिवरात्रि पर जानिए कौन से मंत्र आपके लिए लाभदायक होंगे

मुख्य मंत्र 
ओम् नम: शिवाय
ओम् नमो वासुदेवाय नम:
ओम् राहुवे नम:

महामृत्युंजय मंत्र    
ओम् त्रयंम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं!
उर्वारुकमिव  बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात!

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा उपासना जरूर करिये  मुख्यतः राहू केतु जनित कोई भी दोष हो या कुंडली में विषयोग बना हो, शिवजी के प्रसन्न होने से उपरोक्त दोषों में कमी आती है और अन्य दोषों में संतुलन बनता है।

जानते है शिव जी को प्रसन्न करने के उपाय
भगवान शिव अनादि व अनंत है अर्थात् न कोई भगवान शिव के प्रारंभ के बारे में जनता है नहीं अंत के बारे में, इसीलिए इन्हें अजन्मा और अनश्वर भी कहते हैं। भगवान् शिव का स्वरूप जितना रहस्यमय है। वे उतने ही सरल हैं। धर्म ग्रन्थों के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है रुद्राभिषेक।
विल्वपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय है। इसको शिवलिंग पर अर्पित करने से शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते है।

बिल्वपत्र कैसे चढ़ायें पूजा में क्या और करना है ये जानिए
1- बिल्वपत्र भोले नाथ पर सदैव उल्टा रखकर अर्पित करें।
2- बिल्वपत्र में चक्र एवं वज्र नहीं होने चाहिए। कीड़ों द्वारा बनायें हुए सफेद चिन्हों को चक्र और डंठल के मोटे भाग को वज्र कहते है।
3- बिल्वपत्र कटे या फटे न हो। ये तीन से लेकर 11 दलों तक प्राप्त होते है। रूद्र के 11 अवतार है, इसलिए 11 दलों वाले बिल्वपत्र चढ़ायें जाये तो महादेव ज्यादा प्रसन्न होंगे।
4- बिल्वपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों तक पाप नष्ट हो जाते है।
5- शिव के साथ पार्वती जी की पूजा अवश्य करें, तभी पूर्ण फल मिलेगा।
6- पूजन करते वक्त रूद्राक्ष की माला अवश्य धारण करें।
7- भस्म से तीन तिरछी लकीरों वाला तिलक लगायें।
8- शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।
9- शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें।
10- शिव जी पर केंवड़ा व चम्पा के फूल कदापि न चढ़ायें।
इसके बाद शिव जी के 11 नामों का उच्चारण करे इसे करने से हर मनोकामना पूर्ण होगी।
1- ऊॅ अघोराय नामः। 2- ऊॅ शर्वया नमः। 3-ऊॅ महेश्वराय नमः। 4- ऊॅ ईशानाय नमः। 5- ऊॅ शूलपाणे नमः। 6- ऊॅ भैरवाय नमः। 7- ऊॅ कपर्दिने नमः। 8- ऊॅ त्रयम्बकाय नमः। 9- ऊॅ विश्वरूपिणे नमः। 10- ऊॅ विरूपक्षाय नमः। 11- ऊॅ पशुपते नमः।
जानिए शिव जी पर कौन सा पुष्प चढ़ाने से क्या लाभ होगा?
बिल्वपत्र चढ़ाने से- पापों से मुक्ति मिलेगी।
कमल का फूल चढ़ाने से- धन वृद्धि एंव शान्ति प्राप्त होगी।
कुशा के चढ़ाने से- मुक्ति एंव सौभाग्य में वृद्धि होगी।
दूर्वा चढ़ाने से- आयु में वृद्धि तथा दुर्घटना से रक्षा।
आक का फूल चढ़ाने से- पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
कनेर का फूल चढ़ाने से- शरीर निरोगी होगा और कष्टों में कमी आयेगी।
शमी पत्र चढ़ाने से- पापों का नाश होगा एंव विरोधियों का दमन होगा।
अगर आपको अपनी राशि मालूम हो तो राशियों के मुताबिक भोले बाबा को प्रसन्न करें। एक माला जप नीचे दिए गए राशि मंत्रो के अनुसार करे।
मेष- ऊॅ मंगलाय नमः का जप करें एंव मीठे जल से अभिषेक करें।
वृष- ऊॅ तेजोनिधाय नमः का जप करें तथा दही से अभिषेक करें।
मिथुन- ऊॅ वागीशाय नमः का उच्चारण करें एंव बिल्प पत्र, भाॅग, धतूरा आदि चढ़ायें।
कर्क- ऊॅ सोमाय नमः का जप करें व दूध व मिश्री मिलाकर आभिषेक करें।
सिंह- ऊॅ बभ्रवे नमः मन्त्र का उच्चारण करके जल से अभिषेक करें।
कन्या- ऊॅ जीवाय नमः मन्त्र का जाप करें एंव कुशा व दूर्वा चढ़ायें।
तुला- ऊॅ भूमिपुत्राय नमः का उच्चारण करते हुये दूध से अभिषेक करें।
वृश्चिक- ऊॅ महीप्रियाय नमः का जप करते हुये गन्ने के रस से अभिषेक करें।
धनु-ऊॅ भुजाय नमः का उच्चारण करें तथा कनेर का फूल व धतूरा चढ़ायें।
मकर- ऊॅ गंगाधराय नमः मन्त्र का जप करते हुये बिल्पपत्र व शमी की पतियाॅ चढ़ायें।
कुम्भ- ऊॅ नीलकमलाय नमः का जप करें तथा रूद्राष्टक का पाठ करें।
मीन- ऊॅ भास्कराय नमः मन्त्र का उच्चारण करते हुये दूध, दही, घी आदि से अभिषेक करें।

Mohit Pathak

आचार्य श्री मोहित पाठक जी 
महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम्
रामगढ़, गंगापुर, बलिया 
उत्तर प्रदेश 
प्रकल्प : अनवरत शिवार्चन गुरुकुल गंगा आरती

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