'हक की बात' बलिया डीएम के साथ : खूब हुआ सवाल-जबाब




बलिया। मिशन शक्ति-4.0 के अंतर्गत 'हक की बात जिलाधिकारी के साथ' बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। महिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित बैठक में जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने महिलाओं और स्कूल की बच्चियों के साथ संवाद स्थापित किया। उन्होंने बच्चियों को नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन के बारे में जानकारी दी। उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि सरकार द्वारा महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि लैंगिक भेदभाव को खत्म और महिला पुरुष लिंगानुपात के अंतर को कम किया जाए। समय की मांग है कि सभी लोगों को समानता का अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा से इसमें काफी बदलाव आया है। माता-पिता की सोच बदली है। वह अपने पुत्र और पुत्रियों में अंतर नहीं करते हैं।उन्हें समान शिक्षा और अन्य सुविधाएं देने का प्रयास करते हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं महिलाओं के लिए चलाई जा रही हैं। इनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना राष्ट्रीय पोषण मिशन आदि शामिल है। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण करना और उनके आत्म बल को ऊंचा उठाना है, ताकि वह पुरुषों के बराबर कदम से कदम मिलाकर चल सकें। कहा कि लड़कियों का लैंगिक उत्पीड़न एक बड़ी समस्या है, जिसके लिए मिशन शक्ति, महिला हेल्पलाइन, महिला साइबर सेल, महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकी, परामर्श केंद्र, महिला पुलिस बीट बने हैं। यहां संपर्क कर महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले लैंगिक अपराधों पर रोक लगा सकती हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं को सरकार की तरफ से बहुत सी सुविधाएं दी जा रही है, लेकिन हमारी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं। यदि हमें स्वतंत्रता मिली है तो उसके मूल्यों को समझना होगा। महिलाओं को अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करना है। परिस्थितियां तय करती है कि हमें क्या करना है। बराबरी का मतलब यह नहीं है कि हमें पुरुष मानसिकता की बुराइयां भी अपना लेनी चाहिए। अपने लक्ष्यों को बनाए और उसी पर चलें। लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखना है। स्वाबलंबी बनना है। अगर जीवन में दिग्भ्रमित हो जाएंगे तो लक्ष्य से भटक जाएंगे।
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जिलाधिकारी ने कहा कि मूल्य और मान्यताएं समय के साथ बदलती रहती है। आप अपने आत्म विश्वास को बढ़ाने का प्रयास करें। महान लोगों और महापुरुषों की आत्मकथा पढ़ें। उनसे प्रेरणा ले। लड़कियां अपने लक्ष्य को तय करें और उसे प्राप्त करने में जी-जान लगा दें। उन्होंने मुंशी प्रेमचंद की एक उक्ति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि लड़कियों में पृथ्वी तत्व की प्रधानता अधिक होती है। अर्थात उनमें सहन शक्ति अधिक होती है, लेकिन सहन वहीं तक करें जहां तक बर्दाश्त करने लायक हो। गलत के खिलाफ आवाज जरूर उठाएं और उसका विरोध करें।
जिलाधिकारी ने उपस्थित महिलाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और एनसीसी छात्राओं तथा अन्य लड़कियों से सवाल भी पूछे और उनके प्रश्नों का उत्तर भी दिया। लड़कियों ने पूरे आत्मबल के साथ अपनी बात रखी और जिलाधिकारी से अपनी जिज्ञासा के संबंध में सलाह भी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों को कई प्रकार की असफलताओं का सामना करना पड़ता है। व्यवस्था धीरे-धीरे बदल रही है। लोगों में जागरूकता आ रही है। यह जागरूकता सरकार की योजनाओं के माध्यम से आ रही है। हमें अपनी सोच बदलनी है। सोच तीन स्तरों पर बदलनी है, व्यक्ति, समाज और सरकार। उन्होंने सभा में उपस्थित छात्राओं से उनके शिक्षा और कॅरियर से संबंधित में बातचीत की।

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