Ballia Basic Education : अंग्रेजी में प्रवीण हो रहे उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक




Ballia News : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार बलिया पर उच्च प्राथमिक विद्यालय में अंग्रेजी पढ़ाने वाले अध्यापकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। प्रथम चक्र में रसड़ा, चिलकहर, बैरिया तथा सोहांव के शिक्षकों का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण के अंतिम दिन डाइट बलिया के प्राचार्य/उप शिक्षा निदेशक शिवम पांडेय द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
प्राचार्य ने कहा कि अंग्रेजी भाषा भारत की बहुभाषी एवं बहुआयामी संस्कृति का हिस्सा बन गई है। विश्व स्तर पर अंग्रेजी भाषा के व्यापक प्रयोग के कारण इसका सीखना अत्यंत आवश्यक है। अंग्रेजी के शिक्षक को भाषा शिक्षण कार्य मनोरंजक ढंग से सरलतापूर्वक प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए आवश्यक होगा कि शिक्षक को भाषा की प्रकृति, उसे सीखने की प्रक्रिया और अंग्रेजी भाषा की विशेषताओं की जानकारी हो।
प्रशिक्षण की प्रभारी संगीता यादव ने कहा कि अंग्रेजी भाषा सरल ढंग से बोली जाने पर छात्रों द्वारा समझी जा सकें। इस हेतु उन्हें आवश्यक शब्दावली तथा वाक्य प्रयोग का ज्ञान देना होगा। डायट प्रवक्ता मृत्युंजय सिंह ने अंग्रेजी शब्दों के प्रयोग किए जाने की आवश्यकता को समझाया। प्रशिक्षण के संदर्भ दाता के रूप में शाहिद परवेज अंसारी, बब्बन यादव, अच्छे लाल, पंकज यादव, मुकेश कुमार तथा रंजन प्रभाकर यादव द्वारा शिक्षकों को प्रत्येक बिंदु पर स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त करने हेतु क्रमवार समझ विकसित करने वाली विभिन्न गतिविधियां कराई गई।
प्रशिक्षण में सहजकर्ता के रूप में कार्यरत अंग्रेजी विषय के नगर क्षेत्र बलिया के एआरपी डा. शशि भूषण मिश्र ने बताया कि बालक जीवन के प्रारंभ में जो कुछ भी सीखता है, उसे भाषा द्वारा ही सिखाया जा सकता है। यह भी निश्चित है कि अंग्रेजी भाषा का अधिगम भारत में द्वितीय भाषा के रूप में किया जाता है, जहां पर आवश्यक हो जाता है कि भाषा को गुणवत्ता परक बनाते हुए बच्चों के बीच प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी विषय की कक्षा के प्रथम दिवस से ही छात्रों को अंग्रेजी सुनने के अवसर प्रदान किया जाए, ताकि भाषा के प्रयोग में किए जाने वाले उचित संकेतों से बच्चों को परिचित कराया जा सके। वहीं, द्वितीय चक्र के प्रशिक्षण में दुबहर, नगरा, रेवती, पंदह तथा बांसडीह का प्रशिक्षण गतिमान है।
Comments