अंग्रेजी में ट्रेंड हुए बलिया के 648 शिक्षक, डायट प्राचार्य बोले - 'छात्रों में इंग्लिश लैंग्वेज स्किल्स...'
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Ballia News : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार पर जनपद के समस्त शिक्षा क्षेत्र के प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय के लगभग 648 शिक्षकों का अंग्रेजी विषय का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण की समाप्ति पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के प्राचार्य/उप शिक्षा निदेशक शिवम पांडे ने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण में सीखी गई बातों को बच्चों तक अनिवार्य रूप से ले जाने का कार्य करें।
प्राचार्य ने कहा कि अंग्रेजी एक विदेशी भाषा है, जो हमारे बच्चों के वातावरण से भिन्नता रखती है। ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि शिक्षक अनुकरणीय पहल करते हुए बच्चों के संपूर्ण विकास में अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता को समझ कर आत्मसात करने का यथासंभव प्रयास करें। प्रशिक्षण की प्रभारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की प्रवक्ता संगीता यादव ने कहा कि बालक जीवन के प्रारंभ में जो कुछ भी सुनता है, उसी से भाषा सीखना है।
यह भी निश्चित है कि अंग्रेजी भाषा शिक्षण अधिगम द्वितीय भाषा के रूप में किया जाता है। प्रथम दिवस से ही बच्चों के अंदर अंग्रेजी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जाना अपेक्षित है, ताकि बच्चे समय रहते ही भाषा की कठिनाई को पार करते हुए सीखना और समझना प्रारंभ कर सकें। आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान प्रयागराज उत्तर प्रदेश से प्रशिक्षित प्रशिक्षक गण शाहिद परवेज अंसारी, मुकेश गुप्ता, दिलीप जायसवाल, अच्छे लाल, रंजन प्रभाकर यादव तथा पंकज यादव द्वारा शिक्षकों को प्रत्येक बिंदु पर स्पष्ट रूप से समझ विकसित करने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण में सहजकर्ता के रूप में लगाए गए नगर क्षेत्र के अंग्रेजी विषय के एकेडमिक रिसोर्स पर्सन डॉक्टर शशि भूषण मिश्र ने पूरे प्रशिक्षण में शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए अंग्रेजी भाषा की विभिन्न शैलियों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा परिचर्चा की गई। उनके द्वारा बताया गया कि मानव का विकास भाषा के विकास के साथ चलता है। यह आजीवन चलती रहने वाली प्रक्रिया है। जब बच्चे सुनकर समझने लगे और परिस्थिति के अनुसार सरल प्रवाह में भाषा का उपयोग करने लगे, तभी हम अंग्रेजी भाषा में बच्चों की समझ को विकसित कर सकेंगे।
इसके लिए यह आवश्यक होता है कि अंग्रेजी के शुद्ध व सरल वाक्य को क्रमबद्धता के अनुसार लिखित रूप से व्यक्त करने हेतु बच्चों की आदतों में शुमार करना होगा। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन ने छात्रों के वातावरण में उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं की ओर इंगित करते हुए उन्हें अंग्रेजी भाषा में निर्माण करने की सलाह दी। प्रशिक्षण में आह्वान किया गया कि छात्रों को अंग्रेजी के शुद्ध शब्दों को सुनने का अवसर प्रदान करते हुए भाषा में प्रयोग किए जाने वाले निश्चित सूत्रों तथा निर्देशों को दिन प्रतिदिन उचित संकेतों के साथ दोहराया जाना भाषा को सुगम बना सकता है।
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