इश्क, शादी और सुसाइड : कैप्टन रेनू और लेफ्टिनेंट दीनदयाल की 2 साल की प्रेम कहानी का हुआ दुखद अंत

इश्क, शादी और सुसाइड : कैप्टन रेनू और लेफ्टिनेंट दीनदयाल की 2 साल की प्रेम कहानी का हुआ दुखद अंत

UP News : मोहब्बत के शहर आगरा में कैप्टन रेनू तंवर की अंतिम इच्छा अधूरी रह गई। बाकी की बची प्रेम कहानी शायद दूसरे जहान में मुकम्मल हो। मंगलवार को आगरा में तैनात फ्लाइंग लेफ्टिनेंट दीनदयाल दीप ने सुसाइड कर लिया। उनका शव बंद कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला। जब इसकी सूचना उनकी पत्नी कैप्टन रेनू तंवर को मिली तो सदमे में आकर उन्होंने ने भी सुसाइड कर ली। सुसाइड नोट में उन्होंने बेहद भावुकता से लिखा, 'मेरे मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार मेरे पति के साथ किया जाए और उसके हाथ पर मेरा हाथ रखा जाय', लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

फ्लाइंग लेफ्टिनेंट दीनदयाल दीप का आज अंतिम संस्कार पूरे राजकीय  सम्मान के साथ ताजगंज स्थित मोक्ष धाम में किया गया। इस दौरान वायु सेवा के कई अधिकारी मौजूद रहे. उन्हें अंतिम सलामी दी गई, लेकिन चिता सिर्फ दीनदयाल दीप की जली। उनकी पत्नी कैप्टन रेनू की इच्छा अधूरी रह गई। दीनदयाल दीप के शव को मुखाग्नि उनके चचेरे भाई ने दी, जो कि बिहार से आए।

साफ नहीं हुई आत्महत्या की वजह
दोनों की आत्महत्या के पीछे की वजहें भले ही कोई पूरी तरह से समझ न आ पाया हो, लेकिन उनके दिलों में एक-दूसरे के लिए जो प्यार था। वह उनकी आखिरी इच्छा में झलकता है। कैप्टन रेनू की आखिरी इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके पति के साथ किया जाए। वह चाहती थीं कि मरते दम तक उनका हाथ उनके पति के हाथ में हो, जैसे जीवनभर वह एक-दूसरे का हाथ थामे हुए चले थे। वो बिहार के रहने वाले थे और रेनू राजस्थान की झुंझुनूं की रहने वाली थी।

2022 में हुई थी लव मैरेज
यह इच्छा एक प्रेम की पराकाष्ठा को दर्शाती है, जिसमें जीवन के साथ-साथ मृत्यु में भी एक साथ रहने की चाह होती है। उनकी यह आखिरी इच्छा सुनकर हर दिल भावुक हो जाता है, क्योंकि यह केवल एक जोड़े की कहानी नहीं है, बल्कि उन सभी सपनों और आशाओं की कहानी है, जिन्हें उन्होंने मिलकर देखा था। दोनों ने 2022 में लव मैरेज की थी। उनके बीच में ऐसा क्या हुआ कि दोनों को ऐसा कदम उठाना पड़ा, जांच का विषय है।

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