आज कविता अपने बलिया के नाम लिखता हूं...
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आज कविता अपने जनपद बलिया के नाम लिखता हूं,
महर्षि भृगु के तपो भूमि, गंगा घघरा का मिलन स्थान लिखता हूं।
जहां जन्में मंगल पांडे और जय प्रकाश नारायण जैसे क्रान्तिकारी,
उस धरती को आज अपना प्रणाम लिखता हूं।
अपने पंक्तियों को यहां के साहित्यकार हजारी प्रसाद द्विवेदी, अमरकांत और केदारनाथ सिंह के नाम करता हूं।
पाये थे सन् 42 में सबसे पहले आजादी,
पाये थे सन् 42 में सबसे पहले आजादी,
उस बागी बलिया के कहानी सरेआम करता हूं।
ददरी मेला, बालेश्वर मंदिर, सुरहाताल, चैनराम बाबा के साथ कारो धाम लिखता हूं।
चन्द्रशेखर यूनिवर्सिटी, सतीश चन्द्र, टाउन डिग्री, कुंवर सिंह और गुलाबदेवी जैसे शिक्षण संस्थान लिखता हूं।
आज मैं कविता अपने जनपद बागी बलिया के नाम करता हूं।
ददरी मेला, बालेश्वर मंदिर, सुरहाताल, चैनराम बाबा के साथ कारो धाम लिखता हूं।
चन्द्रशेखर यूनिवर्सिटी, सतीश चन्द्र, टाउन डिग्री, कुंवर सिंह और गुलाबदेवी जैसे शिक्षण संस्थान लिखता हूं।
आज मैं कविता अपने जनपद बागी बलिया के नाम करता हूं।
तुलसी सोनी
घोड़हरा, बलिया
Tags: Ballia News
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