हजारों दीपों से जगमगाया गायत्री शक्तिपीठ, दिव्यता और भव्यता के साथ 108 कुण्डीय महायज्ञ की पूर्णाहुति
बलिया : गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट गंगा जी मार्ग पर आयोजित 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ शनिवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया। इसकी पूर्व संध्या पर शुक्रवार की शाम दीप महायज्ञ हुआ। हजारों दीपों के एक साथ प्रज्वलित होते ही वातावरण में दिव्य व अलौकिक आनंद की अनुभूति होने लगी। गायत्री शक्तिपीठ का कोना कोना दीपों से सजाया गया था।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ से पैर रखने की भी जगह नहीं थी। दीप जलाने के बाद गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र से भाव भरी आहुति दी गई। शांतिकुंज हरिद्वार के प्रज्ञा पुराण कथावाचक राजकुमार भृगु ने कहा कि मनुष्य ज्ञान से नहीं अपने कर्मों से जाना जाता है। कर्म अच्छा होगा तो सीधे ईश्वर का सानिध्य प्राप्त होगा। कहा कि गायत्री मंत्र हर बुराइयों पर जीत का नाम है।
मनुष्य जब भी भी परोपकार की दिशा में कदम बढ़ाता है, तो ईश्वर उसके साथ होता है। अपने कर्मों का फल चाहिए तो ईश्वर के बताए मार्ग पर चलें। पूर्णाहुति के बाद देव शक्तियों की भाव भरी विदाई दी गई। शनिवार की शाम को गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट गंगा जी मार्ग के प्रमुख विजेंद्र नाथ चौबे द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ शांतिकुंज हरिद्वार की टोली की अक्षत तिलक लगाकर विदाई की गई।
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