संघर्ष, समर्पण और सफलता की गूंज : SSCJE 2024 में चयनित होकर आकाश ने बढ़ाया बलिया का मान
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Ballia News : कर्मचारी चयन आयोग (SSC) नई दिल्ली द्वारा आयोजित SSC JE 2024 परीक्षा में रामपुर टीटीही, बसारिकापुर निवासी आकाश वर्मा ने सफलता प्राप्त कर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) में कनिष्ठ अभियंता (सिविल) पद पर चयनित होकर जिले का गौरव बढ़ाया। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में देशभर से लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा, बीटेक और एमटेक धारकों के लिए 1700 रिक्तियां थीं। प्रीलिम्स और मेंस की दो कठिन परीक्षाओं में अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए आकाश ने अंतिम चयन सूची में स्थान प्राप्त किया।
संघर्ष और सफलता का सफर
आकाश का शिक्षा जीवन कठिनाइयों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। प्राथमिक शिक्षा रामपुर टीटीही के प्राथमिक विद्यालय में पूरी करने के बाद हाईस्कूल प्रेरणा हायर सेकेंडरी स्कूल, राजपुर हल्दी, बलिया से उत्तीर्ण किया। इसके बाद टाउन पॉलीटेक्निक, बलिया से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और एलडीसी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज, प्रयागराज से बीटेक किया। इस यात्रा में कई असफलताएँ आईं, लेकिन उन्होंने हर चुनौती को अवसर में बदला। वे कहते हैं, "असफलता से घबराने की नहीं, बल्कि उससे सीखने की आवश्यकता होती है।"
परिवार, मार्गदर्शक और मित्रों का योगदान
आकाश की इस सफलता में उनके परिवार, मार्गदर्शकों और मित्रों का भी विशेष योगदान रहा। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने प्रेरणास्रोत दादा जी कपिल वर्मा, मार्गदर्शक रवि शंकर वर्मा और नवीन वर्मा, माता-पिता, गुरुजन और शुभचिंतकों को देते हैं। उनके पिता राजकुमार वर्मा और माता प्रभावती देवी ने आर्थिक चुनौतियों के बावजूद शिक्षा को सर्वोपरि रखा। भावुक होकर वे कहते हैं, "एक रोटी कम खाएँ, लेकिन बच्चों को पढ़ाएँ, क्योंकि शिक्षा ही सबसे बड़ी संपत्ति है।"
आकाश के छोटे भाई विकास वर्मा (राज्यस्तरीय कबड्डी खिलाड़ी) और बहन मुस्कान वर्मा (जीएनएम छात्रा) भी इस उपलब्धि से अत्यंत गर्वित हैं। इस सफलता में मित्र प्रवीण वर्मा, महंत राधेश्याम वर्मा, अरहम, अमन, लोकेश, जीतू, अभिषेक आदि का भी सहयोग और समर्थन रहा, जिन्होंने हर कठिन समय में उनका हौसला बनाए रखा।
युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत
आकाश ने भावी प्रतियोगियों को संदेश दिया, "सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। निरंतर प्रयास, अनुशासन और आत्मविश्वास ही मंज़िल तक पहुँचाते हैं। जो कुछ अंकों से असफल हुए हैं, वे निराश न हों, बल्कि अपनी तैयारी को और निखारें। अगली बार सफलता अवश्य मिलेगी।" उनकी यह उपलब्धि संघर्षरत युवाओं के लिए प्रेरणापुंज है और यह सिद्ध करती है कि दृढ़ निश्चय, समर्पण और अथक परिश्रम से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
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