निरीक्षण में खुली पोल : 1800 दिन से अवकाश पर शिक्षिका, जांच में खुलेंगे और राज ; क्योंकि...

निरीक्षण में खुली पोल : 1800 दिन से अवकाश पर शिक्षिका, जांच में खुलेंगे और राज ; क्योंकि...

UP News : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग का चौकाने वाला एक सच सामने आया है। मामला उन्नाव जनपद के नवाबगंज ब्लॉक अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय दरियापुर का है, जहां तैनात एक शिक्षिका 10 साल की नौकरी में करीब 1800 दिन अवकाश पर मिली हैं। इस भयावह सच का खुलासा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी के निरीक्षण में हुआ। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी ने नवाबगंज ब्लॉक के दरियापुर प्राथमिक स्कूल का निरीक्षण किया। विद्यालय में 113 छात्र पंजीकृत हैं। उपस्थित रजिस्टर देखा तो यहां तैनात शिक्षिका सायमा जैदी अनुपस्थित मिलीं। प्रधान शिक्षिका नसरीन बानो से जानकारी की तो बताया कि वह असाधारण अवकाश पर हैं और इस समय विदेश में हैं। अवकाश स्वीकृति की जानकारी ली तो पता चला कि वह बीएसए स्तर से दिए गए हैं।

नियमानुसार यह अवकाश विशेष परिस्थितियों में राज्यपाल की स्वीकृति पर स्वीकृत किए जा सकते हैं। सदस्य ने जानकारी की तो पता चला कि साल-2014 से अब तक करीब 1800 दिन का अवकाश शिक्षिका ले चुकी हैं। सदस्य ने जब बीईओ इंद्रा देवी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इसमें अधिकतर अवकाश पोर्टल पर ही नहीं दिख रहे हैं। श्याम त्रिपाठी ने बताया कि अभिलेख ले लिए गए हैं। प्रमुख सचिव से मिलकर आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने बीईओ को जांच कर आख्या देने के निर्देश दिए हैं।


ये है छुट्टी की प्रक्रिया
राज्य कर्मचारियों को किसी एक समय में निम्नांकित विवरण के अनुसार अधिकतम सीमा तक असाधारण अवकाश इस प्रतिबंध के साथ स्वीकृत किया जा सकता है कि ऐसे कर्मचारी के उक्त अवकाश से लौटने तक उसके पद पर बने रहने की संभावना हो। 18 माह से अधिक अवकाश लेने पर राज्यपाल की अनुमति होनी चाहिए। लेकिन इस शिक्षिका को अवकाश देने में इन नियमों का पालन नहीं हुआ।

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शिक्षक को साल में 14 आकस्मिक अवकाश, पूरी नौकरी में 365 चिकित्सीय अवकाश, इसमें 42 दिन बीईओ, उसके बाद बीएसए और 90 से अधिक दिनों का सीएमओ के सर्टिफिकेट पर मान्य होता है। लेकिन जांच हो तो कई ऐसे शिक्षक मिलेंगे, जिनका 110 दिन का अवकाश बिना नियमों के पालन किए और सीएमओ के सर्टिफिकेट के बिना स्वीकृत किया गया। दो बच्चे होने पर 180-180 दिन के अनिवार्य अवकाश, गर्भपात अवकाश चार जून 1990 के शासनादेश के अनुक्रम में तीन बार से अधिक अनिवार्य रूप से अधिकतम 42 दिन या फिर छह माह देय है। दरियापुर प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका के मामले में उन्होंने तीन साल की सेवा पूरी किए बिना ही लगातार छुट्टी लेती रहीं।

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