वरिष्ठ कवि डॉ जनार्दन राय और युवा कवि उत्कर्ष की कविताओं की समीक्षा में सामने आये ये तथ्य
बलिया : वरिष्ठ कवि डॉ जनार्दन राय (Dr Janardan Rai) की कविताओं में समाज को बेहतर बनाने और मानवीय संवेदना को बचाए रखने का संदेश है तो युवा कवि उत्कर्ष की कविताओं में प्रेम का उदात्त चित्रण है। उक्त बातें जनपद के वरिष्ठ कवि एवं आलोचक रामजी तिवारी ने दोनों कवियों की कविताओं को सुनने के बाद अपने समीक्षात्मक टिप्पणी में कहा। उन्होंने कहा कि डॉ. राय की कविताएं देशज शब्दों से भरी हैं। यह देशज शब्द बिना किसी प्रयास के बहुत ही सहज एवं सरल ढंग से उनकी कविताओं में अंतर्निहित हैं।
जनार्दन राय जी की कविताएं संवेदनाओं को बचाने के साथ-साथ अपने प्रकृति और पर्यावरण को भी बचाने का संदेश देती हैं। युवा कवि उत्कर्ष तिवारी की कविताओं की समीक्षा करते हुए रामजी तिवारी ने कहा कि उत्कर्ष की कविताओं में वह क्षमता है, जो युवा पीढ़ी से लेकर वर्तमान पीढ़ी को अपनी ओर आकर्षित करती है। इनकी कविताएं प्रेम के सृजनात्मक पहलू को आगे लाती हैं। उत्कर्ष ने अपनी कविताओं में जो बिम्बों और प्रतीकों का प्रयोग किया है, वह इनकी काव्य प्रतिभा को दर्शाती है।
ज्ञात हो कि संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा मिश्र नेवरी स्थित कार्यालय पर "हस्ताक्षर" मासिक संगोष्ठी का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि डॉक्टर जनार्दन राय एवं युवा कवि उत्कर्ष तिवारी का काव्य पाठ हुआ। तत्पश्चात रामजी तिवारी ने इन दोनों कवियों की कविताओं की समीक्षा की। आज से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने बताया कि प्रत्येक माह में किसी ना किसी रविवार को यह कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
कहा कि इसी बहाने महीने में एक दिन जनपद के कवि, साहित्यकार, कलाकार एक जगह एकत्रित होंगे और एक दूसरे की बातों को सुनेंगे समझेंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार अशोक, साहित्यकार डॉ राजेंद्र भारती, कवि अजय कुमार पांडेय, डॉ. मंजीत सिंह, युवा कवि श्वेतांक सिंह, कवयित्री डॉ. कादम्बिनी ,सिंह विनोद विमल, रंगकर्मी ट्विंकल गुप्ता, रिया वर्मा, खुशी, भाग्यलक्ष्मी, राहुल चौरसिया, दुधनाथ यादव, ऋतिक, ऋषभ, आदित्य इत्यादि लोग उपस्थित रहे।
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