34 वर्ष बाद फैसला : यूपी पुलिस के सिपाही को चार साल की सजा
लखनऊ : गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर थाने में पीटने और भ्रष्टाचार में सिपाही दोषी अशोक कुमार दुबे को विशेष न्यायाधीश पीसी एक्ट श्याम मोहन जायसवाल ने दोषी करार दिया है। सिपाही को चार वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ-साथ 21 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
34 वर्ष बाद आए इस फैसले में वादी प्रेम नारायन वर्मा ने तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक अलीगंज के सामने पेश होकर शिकायत दर्ज करवाई थी। बताया था कि उन्होंने बड़ा चांद गंज में एक मकान खरीदा था, जिसमें दो किराएदार रह रहे थे। मकान को खाली नहीं कर रहे थे।
21 जुलाई 1991 को एक किरायेदार ने थाना अलीगंज के सिपाही अशोक कुमार दुबे व विदेश कुमार सिंह से मिलकर उनके भतीजे को थाने में जबरन बंद कराकर पिटाई कराई, जिससे उसे गंभीर चोट आई थी। जब वह अपने भतीजे की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी करने गया तो दोषी सिपाहियों ने उन्हें भी मारा पीटा तथा दोनों को थाने से छोड़ने के लिए पांच हजार रुपये ले लिए।
इस मामले मे दोषियों को बचाने के लिए थाना अलीगंज के विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी। जिससे असंतुष्ट होकर वादी ने अंतिम रिपोर्ट के विरुद्ध न्यायालय में प्रोटेस्ट प्रार्थना-पत्र दाखिल किया। जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर आरोपियों के विरुद्ध सुनवाई प्रारंभ की। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी विदेश कुमार सिंह की मृत्यु हो जाने के कारण उसका वाद समाप्त कर दिया।
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