UPS : कब किसे कितनी मिलेगी पेंशन, पढ़ें यूनिफाइड पेंशन स्कीम की हर डिटेल
नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शनिवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें से एक यूनिफाइड पेंशन स्कीम भी है। यह स्कीम NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) के विकल्प के तौर पर लाई गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके बारे में जानकारी दी। इस स्कीम के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अलग-अलग संगठनों के साथ 100 से अधिक बैठक कीं। यूनिफाइड पेंशन स्कीम अगले साल 1 अप्रैल से लागू होगी। आइए जानते हैं इस स्कीम से जुड़ी हर डिटेल...
क्या है यूपीएस
यह सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना है जो एनपीएस के विकल्प के तौर पर लाई गई है। यूपीएस के तहत, एक निश्चित सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान होगा, जो एनपीएस में नहीं था। इसमें न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन तय है। इस स्कीम के तहत 25 साल काम करने वाले कर्मचारी को उसकी सेवा खत्म होने से पहले वाले 12 तक मिले वेतन (बेसिक सैलरी) के एवरेज का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा।
परिवार के लिए पेंशन
इसमें एक परिवार के लिए सुनिश्चित पेंश होगी, जो कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत है। कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में इसे तुरंत दिया जाएगा।
मिनिमन पेंशन
न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद रिटायर होने के बाद यूपीएस में 10,000 रुपये प्रति माह की सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन का प्रावधान है। इसके साथ ही सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन में महंगाई के तहत बदलाव किया जाएगा।
ग्रेच्युटी से अलग भुगतान
ग्रेच्युटी के अतिरिक्त रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। यह मंथली इनकम और महंगाई भत्ते को जोड़कर बनी रकम का 10वां हिस्सा होगा। इसे हर 6 महीने के अनुसार, कैलकुलेट किया जाएगा।
राज्य भी हो सकते हैं शामिल
राज्य सरकारों को भी यह स्कीम चुनने का विकल्प दिया जाएगा. यदि राज्य सरकारें यूपीएस चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी। सरकार के अनुसार एरियर के लिए 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पहले वर्ष में पेंशन के लिए 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा।
यूपीएस में कौन शामिल हो सकता है?
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन योजना (एनपीएस) में बने रहने या यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) में शामिल होने का फैसला करने का अधिकार होगा। शनिवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि यह उन सभी लोगों पर भी लागू होगा, जो 2004 के बाद से एनपीएस के तहत रिटायर हो चुके हैं।
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