यज्ञ से उत्पन्न होती है एकत्व की भावना : पं. मोहित पाठक




बलिया : रामगढ़ हुकुम छपरा गंगापुर घाट पर प्रायोजित महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम एवम् सभी सनातन भक्तजनों के सौजन्य से आयोजित श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के चतुर्थ दिवस में प्रातः काल पूजन एवं मध्यान्ह बेला में आहुति प्रदान की गई।
यज्ञाधीश आचार्य पं. मोहित पाठक जी ने बताया कि यज्ञो वै कल्पवृक्ष: यज्ञ से हमारी सभी कामनाएं पूर्ण होती है। हमारे आस पास के निगेटविटी समाप्त हो जाती है। यज्ञ से एकत्व की भावना उत्पन्न होती है। वैसे भी हम अपने संस्कृति परंपराओं से दूर होते जा रहे है। अपनी संस्कृति परंपराओं से जुड़ने के लिए हमें यज्ञीय परंपरा से जुड़ना होगा।
नित्य की भांति काशी से आए आचार्यों के द्वारा भव्य गंगा आरती हुई। आरती में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें। इसके बाद श्री उत्कर्ष जी महाराज के मुखारविंद से भागवत रूपी अमृत की वर्षा हुई, जिसमें खुशी से हजारों लोगों ने भाग लिया। आचार्य पं. अरविंद कुमार तिवारी जी एवं महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम के बटुकों के वैदिक मंत्रोच्चार से क्षेत्र गुंजायमान रहा। आचार्य अमन पांडेय, शौनक द्विवेदी, निहाल मिश्र, प्रबोध पाण्डेय, राजकुमार उपाध्याय, चंदन सिंह, उमाशंकर पांडेय व धीरज सिंह आदि भक्तजन उपस्थित रहें।


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