बलिया : सरकारी गेहूं क्रय केद्रों के प्रति दिलचस्पी नहीं ले रहे किसान, सामने आ रही ये वजह




बैरिया, बलिया : प्रदेश सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2025 में गेहूं के खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए निर्धारित करने के बावजूद किसान सरकारी गेहूं क्रय केद्रों पर गेहूं ले जाने से परहेज करने लगे हैं। इसके चलते गेहूं की सरकारी खरीद प्रभावित ही नहीं, बल्कि ठप जैसी हो गई है। अभी तक 1 हजार क्विंटल से भी कम गेहूं की खरीदारी हो पाई है, जबकि विपणन विभाग के कर्मचारी किसानों को सरकारी क्रय केद्रों पर गेहूं बेचने के लिए गांव-गांव जाकर उत्साहित करने में लगे हुए हैं, किंतु किसान मानते नहीं।
इसका मुख्य कारण यह है कि गेहूं के खरीद फरोख्त में शामिल कारोबारी सीधे वाहन लेकर किसानों के खेत में पहुंच जा रहे हैं। वही नगद भुगतान देकर किसानों से गेहूं तौला ले रहे हैं। फल स्वरुप अनावश्यक लिखा पढ़ी और औपचारिकताओं से बचने के लिए सरकारी दर पर प्राइवेट लोगों के हाथ किसान गेहूं बेच दे रहे हैं। विभिन्न गांवो के कई किसानों ने बताया कि 2425 रुपए गेहूं क्रय केंद्र ले जाने पर गेहूं बिकेगा, जिसमें वहां का किराया भाड़ा अपने देना है। यहां बिना किसी व्यय या परिश्रम के गेहूं 2500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से व्यावसायिक खेतों में खरीद ले रहे हैं। ऐसे में प्रति कुंतल 70 रूपए कम और भुगतान में भी देरी, बेचने में तमाम औपचारिकता पूरा करना हम किसानों के लिए सुविधाजनक नहीं है। सुविधाजनक यही है कि अपना गेहूं हम लोग प्राइवेट व्यवसाईयों को बेच दे।
दूसरी तरफ वरिष्ठ हाट निरीक्षक रानीगंज- लालगंज शिवराम कुशवाहा का कहना है कि गेहूं के खरीदारी के लिए गांवो में किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष हम लोग पिछले साल के सापेक्ष अधिक गेहूं खरीद पाएंगे। वहीं दूसरी तरफ जिलाधिकारी बलिया ने स्पष्ट आदेश दिया है कि विपणन विभाग हर हाल में गेहूं के सरकारी खरीद में तेजी लाएं। आने वाले दिनों में देखना होगा कि गेहूं की सरकारी खरीद गति मिलती है या पिछले साल की तरफ इस साल भी सरकारी खरीद लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाती है।
शिवदयाल पांडेय मनन


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