जिन्दा लौटा ‘मरा' लड़का : सस्पेंड SHO और जेल गए आरोपी की कहानी में बड़ा ट्विस्ट





Darbhanga News : बिहार के दरभंगा जिले से हैरान कर देने वाली एक घटना सामने आई है। जहां, 48 दिन पहले जिस लड़के को मृत घोषित कर दिया गया था। उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था, अब वो जिंदा हो गया है। वह दरभंगा व्यवहार न्यायालय में अपने जिंदा होने का सबूत पेश कर रहा है। दरअसल, मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा निहालपुर गांव निवासी जगदेव राम का मृत पुत्र भोला राम अचानक से दरभंगा व्यवहार न्यायालय में उपस्थित होकर अपने जिंदा होने का सबूत पेश किया है। यह वही मामला है, जिसमें हत्या के आरोप में एक युवक को जेल भेजने के साथ ही थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया था।
बताया जा रहा है कि भोला राम नाम के इस नाबालिग के लापता होने की शिकायत उसके परिजनों ने पहले ही दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद अल्लपट्टी रेलवे गुमटी के पास एक क्षत-विक्षत शव मिला, जिसमें केवल हाथ और पैर ही बरामद हुए। शव की स्थिति ऐसी थी कि पहचान कर पाना मुश्किल था, लेकिन परिजनों पर दबाव बनाकर शव की पहचान भोला के रूप में करवा दी गई और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। सरकार की ओर से मुआवजे के तौर पर 4.25 लाख रुपये भी दिए गए।
इस ‘हत्या’ को लेकर आजमनगर में हजारों लोगों ने सड़क जाम कर दिया था और पुलिस पर जमकर पथराव हुआ। भीड़ के उग्र प्रदर्शन के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक कुमार को सस्पेंड कर दिया गया और राहुल कुमार नामक युवक को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया। अब इस कहानी में जबरदस्त मोड़ आया है। मृत घोषित किया गया भोला राम जिंदा मिल गया है और उसने अदालत में बताया कि उसका अपहरण किया गया था और नेपाल के मिर्चैया इलाके में एक कमरे में कैद रखा गया था। उसके भाई को व्हाट्सएप कॉल से इस बात की जानकारी मिली, जिसके बाद वह नेपाल जाकर भोला को लेकर लौटा।
अब सवाल यह उठता है कि वह शव किसका था? राहुल कुमार को झूठे आरोप में जेल भेजने का जिम्मेदार कौन है? और जो मुआवजा सरकार ने दिया था, उसका क्या होगा? यह मामला पूरे प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।


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