बलिया : मदर टेरेसा कांवेंट स्कूल में धूमधाम से मनाई गई भारत रत्न मदर टेरेसा की जयंती
बलिया : दिल में दया और चेहरे पर सौम्यता के साथ ममत्व का भाव महसूस कराने वाली मदर टेरेसा की 114वीं जयंती सोमवार को मदर टेरेसा कॉन्वेंट स्कूल पचरुखिया में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मदर टेरेसा के तैल चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। विद्यालय के प्रबंधक प्रेम किशोर व प्रिंसिपल सन्तोष मिश्रा ने बताया कि अपना सम्पूर्ण जीवन गरीबों और निराश्रितों को समर्पित करने वाली मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया देश के एक अल्बेनीयाई परिवार में हुआ था।
उनका परिवार एक अच्छी आर्थिक स्थिति वाला था। मदर टेरेसा का असली नाम एग्नेस अल्बेनीयाई था। अपने मूल नाम का त्याग कर वो अपने नाम के माध्यम से संत थेरेस ऑस्ट्रेलिया और टेरेसा ऑफ अविला को सम्मान देना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने अपना नाम त्यागकर टेरेसा चुना। अभिजीत किशोर ने कहा कि नोबल शांति पुरस्कार और रेमॉन मैग्सेस शांति पुरस्कार विजेता, शांति दूत और समाज सेविका मदर टेरेसा की 114वीं जयंती है।
‘सेंट टेरेसा ऑफ कलकत्ता’ के नाम से भी विख्यात मदर टेरेसा का एक ‘अल्बेनियाई-भारतीय रोम कैथोलिक नन’ थीं, जिन्होंने ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ नाम के कैथोलिक धार्मिक जनमंडली की वर्ष 1950 में कोलकाता में स्थापना की थी। मदर टेरेसा को उनके समाजसेवक के तौर पर किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है। उन्होंने दीन-दुखियों, कुष्ठ रोगियों और अनाथों की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनकी मृत्यु 5 सितंबर 1997 को हुई थी, जिसे ‘इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी’ के तौर पर मनाया जाता है।
इस अवसर पर सूरज यादव, पप्पू यादव, प्रदीप सिंह, इरफान खान, अंशुमान पांडे, दिनेश प्रजापति, रुचि पांडे, नेहा सिंह, राजेश राणा, रमेश सिंह, आलोक कुमार, सुरेश शर्मा, अरुण कुमार, मुस्कान सिंह, पूनम सिंह, मुन्नी सिंह, आशा पांडे, पूनम देवी, त्रिलोकी सिंह, सरिता सिंह, अर्चना ओझा, प्रियंका पांडेय, गीता देवी, सरवन, रूपेश, मुनीब, बिपिन बिहारी, सूरज चौबे समेत सभी शिक्षक शामिल रहे।
हरेराम यादव
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