Inspirational Story : पूर्व मंत्री ने पूरा किया संकल्प, बाबुल बन किया प्रिया का कन्यादान
भोला प्रसाद
Ballia News : संकल्प वह है, जिसका कोई विकल्प नहीं होता। और यदि यह संकल्प कर्तव्य से जुड़ा हो तो उसके पूर्ण होने में संदेह की गुंजाइश नहीं होती। करीब आठ वर्ष पूर्व लिए गए संकल्प को उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने रविवार को सैकड़ों शुभेच्छुओं की मौजूदगी में पूरा किया। इस संकल्प के साथ ही दोस्ती का वह रिश्ता भी जीवंत हो उठा, जो खून से बढ़कर था। बेटी की शादी में दिवंगत पिता की कमी न हो, इसकी भरपाई के लिए द्वारपूजा से लेकर कन्यादान तक पिता की हर रस्म निभा कर पूर्व मंत्री ने लोगों का दिल जीत लिया।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे विनोद राय की मौत 2016 में नरही थाने पर धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से हो गई थी, तब पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी भी घायल हो गये थे। विनोद राय की मौत के बाद उनके परिवार की पूरी जिम्मेदारी उठाने का संकल्प पूर्व मंत्री ने लिया था। विनोद राय की तीन बेटियां थीं। उस समय उपेन्द्र तिवारी ने हर क्षण परिवार के साथ खड़ा रहने का भरोसा दिया था। उस संकल्प को पूर्व मंत्री ने बखूबी निभाया।
बतौर पिता उनकी बेटियों की हर जरूरतों को पूरा करने के साथ ही हर जिम्मेदारी को निभाया, जो न सिर्फ सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है, बल्कि पूर्व मंत्री की खूब वाहवाही भी हो रही हैं। मौजूदा दौर में जब राजनीति में भरोसे का संकट उत्पन्न हो गया है, तब प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी की इस पहल ने सभी को एक नई राह दिखायी है। विनोद राय की बड़ी बेटी प्रिया की शादी पूर्व मंत्री ने धूमधाम से सम्पन्न करायी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच परिणय सूत्र में बंधी बेटी प्रिया को नई जिंदगी में प्रवेश का आर्शीवाद दे, जब पूर्व मंत्री ने विदा किया तो मौजूद सबकी आंखें नम हो गई।
पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने किया कन्यादान, एक-दूजे के हुए प्रिया और रौशन
भाजपा के दिवंगत कार्यकर्ता विनोद राय की बेटी प्रिया राय की शादी पूरे रीति रिवाज एवं धूमधाम से गाजीपुर के सुहवल निवासी रौशन राय से सम्पन्न हुई। शहर के सिविल लाइन टैगोर नगर से आयोजित कार्यक्रम में बारातियों एवं आगन्तुकों के स्वागत से लगायत कन्यादान तक की रस्म पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने अपनी धर्मपत्नी दीपिका तिवारी के साथ निभाई। भाजपा के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता बारातियों के स्वागत में जुटे रहे। अपने शहीद कार्यकर्ता की कमी उसके परिवार व रिश्तेदारों को महसूस न हो, इसका पूरा प्रयास उपेंद्र तिवारी के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ताओं ने किया।
कई बार आये भावुक पल
कार्यक्रम में कई बार ऐसे भी पल आये, जब लोग भावुक हो जा रहे थे। ये चर्चा का विषय रहा कि वर्तमान अवसरवादी राजनीति के माहौल में कार्यकर्ताओं के प्रति वचनबद्धता के लिए यह शादी एक मिसाल हैं। सुबह से शुरू आगंतुकों का आगमन देर रात्रि तक होता रहा। सबने वर-वधु को स्नेहाशीष दिया। आगंतुकों में वो लोग भी सम्मिलित रहे जो 13 अगस्त 2016 की काली रात के चश्मदीद थे।
13 अगस्त की काली रात का सच
आज से करीब आठ साल पहले एक आंदोलन के दौरान पुलिसिया बर्बरता में पूर्व मंत्री ने अपने अभिन्न दोस्त विनोद राय को खो दिया था। दरअसल, 13 अगस्त 2016 को नरही थाना क्षेत्र के टेढ़वा के मठिया निवासी चंद्रमा यादव संत कबीर नगर जनपद में लगे मेले से दुधारू गायों को पशुपालन के उद्देश्य से खरीद कर लाया था, जिसे नरही थाना पुलिस द्वारा पशुओं समेत उठा लिया गया। चंद्रमा यादव पर पशुतस्करी का मुकदमा कर दिया गया। इसके विरोध में तत्कालीन फेफना विधायक उपेंद्र तिवारी ने पुलिस और प्रशासन से वार्ता विफल होने पर थाने के पास धरना प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया।
कई दौर की वार्ता के पश्चात प्रशाशन ने रात 10 बजे के करीब लाइट बुझा कर नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज तथा फायरिंग शुरू कर दिया। इसमें नरही निवासी विनोद राय की घटना स्थल पर ही कथित रूप से पुलिस की गोली लगने से मौत हो गयी। दर्जनों लोग घायल हुए, जिसमे उपेंद्र तिवारी, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह समेत दर्जनों भाजपा पदाधिकारी सम्मिलित थे। घटना के पश्चात जिलाधकारी और पुलिस अधीक्षक समेत कई लोगों पर शासन ने कड़ी कार्यवाही किया था। मामला विधानसभा तक उठा था।
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