बलिया के एआरपी पहुंचे हाईकोर्ट, सरकार से जबाब तलब

बलिया के एआरपी पहुंचे हाईकोर्ट, सरकार से जबाब तलब

Ballia News : प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन डॉ एमके सन्मुगा सुन्दरम द्वारा 10 अक्टूबर 2024 को जारी शासनादेश के तहद अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) पद पर कार्य कर रहे शिक्षक, जो 03 वर्ष का अपना कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं, उन्हें पुनः एआरपी की चयन प्रक्रिया में परीक्षा से अनर्ह कर दिया है। इसको लेकर एआरपी समूह ने सरकार को प्रत्यावेदन देकर अर्ह करने की मांग की, लेकिन सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। इससे क्षुब्ध जनपद बलिया के एआरपी संजय कुमार यादव एवं अन्य बनाम उतर प्रदेश सरकार तथा 4 अन्य के नाम से रिट याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य से 6 सप्ताह में शपथ पत्र दाख़िल करने का आदेश दिया है।

पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी एवं राजेश कुमार वर्मा द्वारा बताया गया कि किसी को भी योग्यता व अनुभव होते हुए परीक्षा में बैठने से रोकना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 (1) की अवहेलना है। निपुण भारत मिशन की महत्वपूर्ण योजना एवं सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में कार्यरत एआरपी के अनुभवों का लाभ भी मिलेगा। नगरा के एआरपी एवं याची संजय कुमार यादव ने बताया कि प्रमुख सचिव बेसिक द्वारा जारी शासनादेश पूरी तरह औचित्यहीन है। एआरपी चयन हेतु जारी मूल शासनादेश में इस तरह की कोई बाध्यता नहीं थी। एआरपी के रूप में कार्य करते हुए हमलोगों द्वारा पूर्ण निष्ठा से मिशन प्रेरणा एवं निपुण भारत मिशन की गतिविधियों को प्रचारित प्रसारित तथा अध्यापकों बच्चों को पूर्ण सहयोग किया गया है। अपने गोद लिए 10 विद्यालयों को निपुण भी बनाया गया है। इस कार्य में सभी एआरपी को अनुभव की वरीयता प्रदान करते हुए भारांक दिया जाना चाहिए। 

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