कलयुग में दिखा त्रेता युग का नजारा : बलिया पहुंची अयोध्या से जनकपुर के लिए निकली अवध के राजा राम की बारात
बलिया : भगवान शिव की साधना स्थली कामदहन भूमि कामेश्वरधाम कारों में उस वक्त त्रेतायुग जीवंत हो गया, जब अयोध्या से मिथिला जनकपुर के लिये निकली चारों भईयों की बारात देर रात शिवतीर्थ पहुंची। तीर्थ परिवार द्वारा भावभरा आतिथ्य अभिनंदन हुआ। चारों दुलहा सहित पूरे भारत के आए संतों ने समाधारित शिव साधना भूमि पर लोट-लोटकर स्वयं को धन्य किए।
बारात में साथ चल रहे तमिलनाडू के संतों ने स्वर्ण निर्मित भगवान मुरुगन मूर्ति को उनकी जन्मकथा की इस पुण्यभूमि पर पितृस्पर्श कराया। इतिहासकार डाॅ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि रामायण काल में महर्षि विश्वामित्र जी के साथ अयोध्या के दोनों राजकुमार राम-लक्ष्मण महर्षि की यज्ञरक्षा के लिये सिद्धाश्रम (बक्सर बिहार) जाते समय कामेश्वरधाम कारों में रात्रि विश्राम किए थे। दक्षिण भारत के भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) के जन्म के लिए ही भगवान शिव की समाधि भंग कराने के प्रयास में देवसेनापति कामदेव को समाधारित शिव के तीसरे नेत्र की ज्वाला से जलकर भष्म होना पड़ा था। इस अवसर पर कामेश्वरधाम परिवार के रमाशंकर दास, संजय सिंह, सुधाकर सिंह, विवेक कुमार, रवि कुमार, अनुज सरावगी, राम औतार, रामगोपाल अग्रवाल, अभिषेक गर्ग आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।
कलयुग में दिखा त्रेता युग का नजारा
कलयुग में त्रेता का नजारा भगवान श्री राम के विवाह में देखने को मिल रहा है। जगह-जगह लोग नाचते हुए झूम रहे हैं। भगवान का भजन गा रहे हैं। लोग भगवान राम और मां सीता के विवाह में शामिल होकर खुद को सौभाग्यशाली समझ रहे हैं। भगवान राम लला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहला मौका है, जब भगवान के विवाह का यह उत्साह देखने को मिल रहा है।
6 दिसंबर को होगा विवाह
विवाह पूर्व धार्मिक अनुष्ठान 4 और 5 दिसंबर को किए जाएंगे। विवाह पंचमी 6 दिसंबर को है। भगवान श्री सीताराम जी का विवाह जनकपुर में होगा, जहां 18 बीघा में भगवान श्री सीताराम के विवाह की तैयारी का पंडाल लगाया गया है। विवाह के उपरांत भगवान श्री राम का कलेवा होगा और 8 दिसंबर को बारात अयोध्या के लिए रवाना की जाएगी।
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