Unified Pension Scheme पर बलिया अटेवा का बड़ा बयान
बलिया : सरकार द्वारा लाई गई पेंशन की नई व्यवस्था 'यूनीफाइड पेंशन सिस्टम' पर OPS के लिए वर्षों से संघर्षरत अटेवा बलिया के जिला संयोजक समीर कुमार पांडेय ने बताया कि पुरानी पेंशन ऐसी सामाजिक सुरक्षा है, जिसमें कर्मचारियों का मान-सम्मान एवं स्वाभिमान सुरक्षित होता है। वहीं, NPS बाजार आधारित पेंशन व्यवस्था है, जो निश्चित नहीं है। वर्तमान की UPS में 50% पेंशन डीए के नाम पर निश्चितता तो दी जा रही, पर इसमें कर्मचारियों की पूरे जीवन की कटौती को ही हड़पने की योजना है। कहा जा रहा कि रिटायरमेंट के पश्चात केवल अंतिम 6 महीने की सेलरी एक मुश्त दी जाएगी तो बाकी पैसा कहां जायेगा ?
साथ ही जिन कर्मचारियों की नौकरी 25 साल से कम होगी, उन्हें उसी अनुपात में कम पेंशन मिलेगी। ये भी कहा जा रहा कि सरकार अपनी हिस्सेदारी 18.5% करने जा रही है। जब उस कटौती को खुद ही रखेगी तो क्या 18.5% और क्या 58% ? सरकार द्वारा जारी एकीकृत पेंशन योजना (UPS) कर्मचारियों के हित में नहीं है। हमारे लिए तय होता है कि 10 वर्ष पर 10 हजार पेंशन, पर नेता का कार्यकाल पूरा न हो तो भी उनके पेंशन में कोई कमी नहीं होती। इन्हें अपनी पूरी और तीन चार पेंशन चाहिए, जबकि कर्मचारियों को अधूरा। कुल मिलाकर कहें कि NPS यदि कर्मचारियों के साथ धोखा है तो UPS महाधोखा।
विगत दस बारह वर्षों से अटेवा उ.प्र.के बैनर तले विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में अटेवा बलिया लगातार पुरानी पेंशन के लिए आंदोलित है। जिले से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक जाकर बड़े ऐतिहासिक आंदोलनों द्वारा कर्मचारियों ने सरकार को चेताने का प्रयास किया है। सरकार द्वारा बार बार बदलने वाली बाजार आधारित अन्यायपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ अटेवा/NMOPS का संघर्ष जारी रहेगा। कर्मचारी अपने बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन लेकर रहेगा।
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