punyatithi vishesh

सियासत में सादगी का धरोहर हो जाना, आसान नहीं है चन्द्रशेखर हो जाना

सियासत में सादगी का धरोहर हो जाना, आसान नहीं है चन्द्रशेखर हो जाना श्रद्धांजलि विशेष अकेला हूं तो क्या हुआ?आबाद कर देता हूं वीराना!बहुत रोयेगी शामें तन्हाईमेरे जाने के बाद!!08 जुलाई का दिन आते ही बलिया के लोगो में एक वीराना सा छा जाता है। लगता है कुछ ऐसा...
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